हाउसिंग डेवलपमेंट इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (HDIL) के प्रमोटर राकेश वधावन और पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव (PMC) बैंक लिमिटेड के पूर्व चेयरमैन वरयाम सिंह न सिर्फ रियल एस्टेट कंपनी में सहकर्मी थे, बल्कि उन्होंने ऐसी फर्म शुरू की थी जो दौड़ वाले घोड़ों की नस्ल तैयार करने (Horse Breeding) का काम करती थी। वधावन लाइवस्टॉक प्राइवेट लिमिटिडे (Wadhawan Livestock Pvt Ltd) की स्थापना अगस्त 2007 में वधावन, सिंह और एचडीआईएल के पूर्व स्वतंत्र निदेशक अशोक कुमार गुप्ता ने की थी। कंपनी के वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक इनके पास 2018 तक 64 करोड़ रुपये के घोड़े हैं। इस व्यापार में रेसिंग वाले नस्ल के घोड़ों की ब्रिडिंग, उनका आयात और निर्यात किया जाता है।
वरयाम सिंह को 2015 में पांच साल की अवधि के लिए पीएमसी बैंक के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था। इससे पहले सिंह 2005 से 10 साल तक एचडीआईएल के बोर्ड में थे। वधावन और सिंह दोनों को मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने 4,355.46 करोड़ रुपये के पीएमसी बैंक घोटाले में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया है।
वधावन लाइवस्टॉक की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी ने घोड़े की रेस से वित्तीय वर्ष 2015 से 2017 के दौरान तीन वर्षों में लगभग 3.19 करोड़ रुपये कमाए। 31 मार्च 2018 में बताया गया कि कंपनी में वधावन की हिस्सेदारी 99.2 प्रतिशत, जबकि सिंह की 0.4 प्रतिशत की हिस्सेदारी है। कंपनी ने इंटर कॉर्पोरेट डिपॉजिट्स (ICD) के माध्यम से लगभग 122 करोड़ रुपये और राकेश वधावन के रूप में 11 करोड़ रुपये उधार लिए। इसके अलावा वधावन लाइवस्टॉक ने पीएमसी बैंक के 25 लाख रुपये में 1 लाख “अनकोटेड शेयर” भी खरीदे।
ICD अन्य कॉर्पोरेट संस्थाओं से फर्मों और वित्तीय संस्थानों द्वारा एक असुरक्षित उधार माना जाता है। हालांकि, 2013 में शुरू होने वाले एचडीआईएल में वित्तीय संकट का लिंक वधावन लाइवस्टॉक के साथ भी पकड़ा गया।

