गुरुग्राम में HDFC बैंक के एटीएम से फर्जी तरीके से पैसा निकालने का मामला सामने आया है। डेबिट कार्ड क्लोनिंग के जरिये इसे अंजाम दिया जा रहा है। हैकरों ने यूनिटेक साइबर पार्क स्थित एटीएम को निशाना बनाया है। इसका शिकार बने एक व्यक्ति ने टि्वटर पर इस घटना की जानकारी दी है। पीड़ित कपिल का कहना है कि हैकरों ने खाते में वेतन आने के दिन से (1 मई) लोगों को निशाना बनाना शुरू किया था। उन्होंने ट्वीट किया, ‘गुरुग्राम स्थित यूनिटेक साइबर पार्क में 1 मई से HDFC बैंक के डेबिट कार्ड की क्लोनिंग के जरिये एक बड़े बैंकिंग फर्जीवाड़े को अंजाम दिया जा रहा है। सभी मामलों में एटीएम में डेबिट कार्ड स्वाइप करने पर ही पैसे निकल रहे हैं। मेरे HDFC खाते से भी 40,000 रुपये निकाल लिए गए।’ अंकित अग्रवाल नामक एक अन्य शख्स ने भी कई लोगों के शिकार होने की बात कही है। कपिल का दावा है कि हैकर्स अब तक सैंकड़ों लोगों को चूना लगा चुके हैं। उन्होंने HDFC बैंक के एटीएम से साइबर पार्क स्थित अन्य कंपनियों के कर्मचारियों के भी शिकार होने की बात कही है। भारत भूषण नामक व्यक्ति ने भी अवैध तरीके से 50 हजार रुपये निकालने की बात कही है।
A major banking (ATM) fraud happening since 1 May by cloning of @HDFC_Bank debit cards at Unitech Cyber Park (Gurgaon) HDFC ATM. In all cases, ATM cards were swipped at above location.
Rs 40,000 also withdrawn from my HDFC account last night. @HDFCBank_Cares @gurgaonpolice pic.twitter.com/mYyD7I5zqx
— Kapil (@kapsology) May 3, 2018
And remember, only few people complaint on Twitter. 100s were duped with 40,000-50,000 in last couple of days. All employees at different companies in Unitech Cyber Park Gurgaon. Hackers selected salary days to withdraw money. @HDFCBank_Cares pic.twitter.com/5lDiMmrGbh
— Kapil (@kapsology) May 3, 2018
तकरीबन डेढ़ साल पहले भी 32 लाख से ज्यादा भारतीयों का डेबिट कार्ड एक साथ हैक होने की बात सामने आई थी। प्रभावित कुछ बैंकों ने अपने ग्राहकों को अविलंब सिक्योरिटी कोड बदलने की सलाह दी थी। इसके अलावा बड़ी संख्या में कार्ड को ब्लॉक करने के साथ उसे बदला भी गया था। साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों ने एक खास एटीएम नेटवर्क के मालवेयर (वायरस) से प्रभावित होने की बात कही थी। प्रभावित बैंकों के कुछ ग्राहकों ने खाते से बड़ी राशि निकाले जाने की शिकायत भी की थी। नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) ने भी लाखें डेबिट कार्ड के खतरे में पड़ने की पुष्टि की थी। कुल मिलाकर एक करोड़ रुपये से ज्यादा की निकासी की बात सामने आई थी। इसके कारण 19 बैंकों के 641 उपभोक्ता सीधे तौर पर प्रभावित हुए थे। इस घटना के बाद बैंकों और एटीएम सेवा प्रदाता कंपनियों ने सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त करने का दावा किया था। हालांकि, डेबिट कार्ड क्लोनिंग की समस्या से अब भी पूरी तरह से नहीं निपटा जा सका है।