हाथरस भगदड़ हादसे में 121 लोगों की मौत के बाद सूरजपाल जाटव उर्फ भोले बाबा चर्चा में आया है। अब उससे जुड़ी बातें सामने आ रही हैं। पुलिस जांच में पता चला है कि भोले बाबा चार तरह की सुरक्षा घेरे में रहता है और उसने उसे अलग-अलग नाम दिया है। बाबा की चार सेनाओं के नाम गोपिका यूनिट, नारायणी सेना, हरिवाहक सेना और गरुड़ योद्धा सेना है।

गोपिका यूनिट सबसे महत्वपूर्ण

जैसे ही बाबा किसी सत्संग के कार्यक्रम में जाते हैं, यह चारों सेनाएं एक्टिव हो जाती हैं। इन सबमें सबसे महत्वपूर्ण गोपिका यूनिट है। गोपिका यूनिट में महिलाएं होती हैं और यह बाबा के चारों तरफ एक सुरक्षा घेरा बनाकर खड़ी रहती हैं। इनका काम होता है कि जब बाबा सार्वजनिक स्थानों पर रहे तो उनके साथ किसी भी हालत में कोई फोटो या वीडियो ना बनाएं। उनकी वर्दी का ड्रेस कोड भी सुरक्षाबलों जैसा होता है।

नारायणी सेना संभालती है सुरक्षा व्यवस्था

इसके बाद नारायणी सेना का नंबर आता है। नारायणी सेना की एक टुकड़ी में 50 सुरक्षा गार्ड होते हैं। इनका ड्रेस कोड हल्की गुलाबी रंग की वर्दी होती है। इस सेना की कई टुकड़ी है जो आश्रम से लेकर सत्संग जैसे कार्यक्रमों की सुरक्षा व्यवस्था संभालती है। भीड़ को नियंत्रित करने का काम भी इसी का होता है।

हरिवाहक सेना रास्तों की सुरक्षा पर रखती है नजर

बाबा की हरिवाहक सेना भी काफी महत्वपूर्ण है। इस सेना की एक टुकड़ी में 25 लोग शामिल होते हैं और यह बाबा के आने जाने के लिए रास्तों की सुरक्षा देखती है। इस सेना का काम है कि बाबा की इच्छा या बुलावे के बिना कोई उनके पास तक न पहुंचे।

बाबा की ब्लैक कैट कमांडो है गरुड़ सेना

इसके बाद नंबर आता है गरुड़ योद्धा सेना का। इसमें 20 लोग होते हैं जो बाबा काफिले के साथ चलते हैं। यह टीम एक तरीके से ब्लैक कैट कमांडो की तरह काम करती है और बाबा की सुरक्षा की जिम्मेदारी इसी के कंधे के ऊपर है। यह आश्रम से लेकर सत्संग कार्यक्रमों तक बाबा को पूरी सुरक्षा कवर देते हैं। गरुड़ सेना ही बाबा की गाड़ियों के काफिले के आगे पीछे चलती है।