Hathras Stampede: सत्संग भगदड़ हादसे के बाद हाथरस में हर जगह मातम का माहौल है। इस दर्दनाक हादसे में अब तक 121 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। इस घटना पर NCW की चेयरपर्सन रेखा शर्मा ने भी बयान दिया है। उन्होंने कहा कि घटना में मरने वाले लोगों में ज्यादातर महिलाएं ही थीं। इसमें केवल तीन ही पुरुष हैं जिनकी मौत हुई है। यहां पर फोटो खींचने की भी कोई इजाजत नहीं होती थी।

रेखा शर्मा ने कहा कि यह बाबा (नारायण हरि सरकार) जो भी था, वह एक गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल रहा। उसने 80 हजार लोगों की परमिशन मांगी थी और 2 लाख से ज्यादा लोगों की भीड़ जुटाई थी। उन्होंने आगे कहा जब यह सब हुआ तो बाबा वहां से भाग निकला। मुझे लगता है कि उसके खिलाफ FIR दर्ज होनी चाहिए और उसे तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए और पता लगाना चाहिए कि यह सब किसके आदेश पर हो रहा था। क्या ये कोई मिलीभगत है या इसके पीछे कोई प्लानिंग थी और इतने लोगों के मरने के बाद वह क्यों भाग गया। यह सवाल का विषय बन गया है। उसके सेवक भी भाग खड़े हुए।

प्रशासन को भी अंदर नहीं आने देते थे- रेखा शर्मा

रेखा शर्मा ने कहा कि बाबा के सेवादार प्रशासन और पुलिसवालों को भी अंदर नहीं आने देते थे। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों के खिलाफ प्रशासन को भी कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि महिलाओं को ही धर्म के नाम पर टारगेट किया जाता है। उन्होंने कहा कि सरकार ने मुआवजे का भी ऐलान किया है। घायल लोगों का सही से इलाज किया जा रहा है।

कैसे मची भगदड़?

हाथरस में भोले बाबा के सत्संग के बाद मची भगदड़ में 121 लोगों ने अपनी जान गवां दी। दोपहर 2 बजे भोले बाबा अपनी कार से वहां से निकल रहा था, तभी भक्तों की भीड़ उनके पीछे भागी। इस भीड़ में लोग एक-दूसरे को कुचलते हुए आगे बढ़ गए। हाथरस में भोले बाबा के सत्संग के दौरान बड़ी लापरवाही सामने आई है। बताया जा रहा है कि पूरे खेत को बराबर करना था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। मैदान के चारों तरफ सड़कें भी नहीं बनीं। वहां पर सिर्फ कच्ची सड़क थी। सबसे बड़ी चूक यह रही कि आयोजकों ने यह कहकर पुलिस से इजाजत ली कि 80 हजार लोग आएंगे, लेकिन यहां ढाई लाख से ज्यादा लोग पहुंचे।