हाथरस केस के आरोपियों ने चिट्ठी के जरिए खुद को बेकसूर बताते हुए पीड़िता के परिजनों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। आरोपियों ने पीड़िता की मौत को ‘ऑनर किलिंग’ बताया है। इस पर बॉलीवुड के दिग्गज लेखक और शायर जावेद अख़्तर ने गुस्सा व्यक्त करते हुए एक ट्वीट किया है। जिसके चलते उन्हें ट्रोल भी होना पड़ा है।

जावेद अख़्तर ने लिखा, ‘हाथरस के आरोपी अब यह दावा कर रहे हैं कि लड़की को उसके ही मां और भाई ने तड़पा-तड़पा कर मार डाला था। वो ये बात कैसे जानता है? क्या उसने उन्हें मारते हुए देखा था और अगर हां, तो उसने पुलिस में रिपोर्ट क्यों नहीं दर्ज़ कराई। सिर्फ़ एक धर्मांध व्यक्ति जो कि पूर्णतः मूर्ख भी होगा, वही इस दावे पर भरोसा कर सकता है।’

इस ट्वीट को लेकर यूजर्स ने उन्हें ट्रोल किया है। एक यूजर ने लिखा “जावेद साहब पको याद है जब एक पत्रकार ने पूछा था पैसे कहां से आ रहे हैं जवाब मिला था ऊपर वाला तो भेज रहा है ठीक उसी तरीके से इस मामले में सब बातें कही सुनी है जब तक सीबीआई की रिपोर्ट नहीं आ जाती है तब तक किसी के ऊपर आरोप लगाना गलत है 500 रुपए की बिरयानी थोड़े ही खा ना रहे हैं।”

एक यूजर ने लिखा “क्या अपने उन्हें मर्डर करते हुए देखा था? नहीं ना, तो जांच पूरी होने दें।” एक ने लिखा “मामला खत्म करो रे, जज फावेद साहब ने ऐसे फैसला दे दिया है जैसे ये वहीं मौजूद थे सब कुछ इनकी आंखो के सामने घटा इसलिए अब कुछ कहने सुनने को रह नहीं जाता।”

दरअसल, हाथरस मामले में जेल में बंद आरोपी संदीप, रवि, लवकुश और रामू ने हाथरस के एसपी को एक चिट्ठी भेजी थी। चिट्ठी में उन लोगों ने खुद पर लगे आरोपों को गलत बताया और कहा कि वे लोग निर्दोष हैं। आरोपियों ने खुद को गलत ढंग से फंसाए जाने की बात कही और मृत लड़की के परिवारवालों को ही उसकी मौत का जिम्मेदार बताया था। मुख्य आरोपी संदीप ने चिट्ठी में दावा किया कि उसकी पीड़िता से अच्छी दोस्ती थी जिसका परिवार वाले विरोध कर रहे थे।

हाथरस के एसपी को मुख्य आरोपी संदीप ने चिट्ठी लिखी, जिसपर अन्य तीन आरोपियों ने अपने अंगूठे लगाए हैं। संदीप ने चिट्ठी में लिखा है, ‘पीड़िता मेरे गांव की लड़की थी और उससे मेरी दोस्ती थी। हमलोग की कभी कभी मुलाक़ात होती थी और फोन पर बात भी होती थी। हमारी दोस्ती उसके घरवालों को पसंद नहीं थी। घटना के दिन मेरी उससे खेतों पर मुलाक़ात हुई, उसके साथ उसकी मां और भाई थे। इसके कहने पर मैं तुरन्त घर चला गया और वहां अपने पिता के साथ पशुओं को पानी पिलाने लगा।’

मुख्य आरोपी ने पत्र में लिखा है कि उसे बाद में ग्रामीणों से ही पता चला कि लड़की की मां और भाई ने उनकी दोस्ती को लेकर काफी पिटायी की जिसमें लड़की को गंभीर चोटें आयी जिसके चलते उसकी मौत हो गई। मुख्य आरोपी ने यह भी कहा कि उसने लड़की की कभी पिटायी नहीं की और न ही उसके साथ कुछ गलत किया तथा लड़की की मां और भाई ने उसे और तीन अन्य को फंसाया और जेल भिजवाया। संदीप ने लिखा है कि उसके रिश्तेदारों रवि और रामू सहित तीन अन्य आरोपी इस ‘झूठे’ मामले में अलग-अलग दिन जेल भेजे गए हैं।