हरियाणा चुनाव में बीजेपी एक अप्रत्याशित जीत की ओर बढ़ चुकी है। अभी तक के रुझान बता रहे हैं की तीसरी बार बीजेपी की राज्य में सरकार बनने जा रही है। बड़ी बात यह है कि इस बार बीजेपी को अपने दम पर पूर्ण बहुमत मिल गया है। ऐसे में सवाल तो पूछा जाएगा- आखिर 10 सालों की एंटी इनकमबेंसी का क्या हुआ? आखिर जाटों का गुस्सा कहां गायब हो गया? अब इन सभी सवालों को एक जवाब जरूर नायब सिंह सैनी हैं जो सही मायनों में बीजेपी के लिए नायाब साबित हुए हैं।
ओबीसी चेहरे को आगे करने का फायदा
बीजेपी ने हरियाणा चुनाव से कुछ महीने पहले एक बड़ा फैसला लिया था। अचानक से मनोहर लाल खट्टर को सीएम पद से हटा दिया गया। हर कोई हैरान था कि एक साफ छवि वाले नेता की क्यों इस तरह से विदाई करवा दी गई। उस समय सभी के मन में यह सवाल भी आया कि क्या अब बीजेपी कई सालों बाद हरियाणा में किसी जाट चेहरे को मौका देने वाली है? लेकिन फिर पार्टी हाईकमान ने सभी को हैरान करते हुए नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री बना दिया। एक ओबीसी चेहरा आगे कर बीजेपी ने बड़ा सियासी दांव चलने का काम किया है।
वोट प्रतिशत में कांग्रेस आगे… फिर भी क्यों बन रही हरियाणा में बीजेपी सरकार?
गैर जाट वाली रणनीति आई काम
हरियाणा में ओबीसी की आबादी 35 फीसदी के करीब बैठती है। कहने को इस राज्य की पहचान जाटलैंड के रूप में हुई है, दशकों की राजनीति यहां जाटों के इर्द-गिर्द घूमी है, लेकिन बीजेपी ने पिछले 10 सालों में गैर जाट वोटों पर फोकस सारे समीकरण बदल डाले। इसी वजह से एक बार फिर जाट वोटों के पीछे ना जाकर बीजेपी ने नायब सिंह सैनी को चुनाव से ठीक पहले मुख्यमंत्री बना दिया। यानी कि 35 फीसदी वाले ओबीसी समाज को संदेश दिया गया कि अगर कोई पार्टी इस जाट बाहुल राज्य में आपकी सुनने वाली है, आपके मुद्दे उठाने वाली है- वो बीजेपी ही है। चुनावी नतीजे बता रहे हैं कि यह नेरेटिव पार्टी के पक्ष में चला गया है, उसे जबरदस्त फायदा मिला है।
सैनी ने एंटी इनकमबेंसी को किया खत्म
एक समझने वाली बात यह भी है कि नायब सिंह सैनी के मुख्यमंत्री बनते ही बीजेपी ने खट्टर के खिलाफ बनी एंटी इनकमबेंसी को काफी कम कर दिया था। चुनाव से ठीक पहले सीएम बदलने का फॉर्मूला वो गुजरात, उत्तराखंड, त्रिपुरा में अप्लाई कर चुका है, तीनों बार उसे फायदा मिला, सत्ता में वापसी हुई। ऐसे में नायब सिंह सैनी का सीएम बनना भी बीजेपी को फायदा दे गया, अगर जमीन पर जनता को शिकायत भी हुई, सामने से बोला गया कि नायब सिंह सैनी सब ठीक कर देंगे, सरकार अब बदल गई है। ऐसे में नए चेहरे ने पुराने गिला-शिकवें खत्म करने का काम किया।
चुनावी पोस्टरों से खट्टर को रखा आउट
एक दिलचस्प बात यह भी रही कि बीजेपी ने चुनावी प्रचार के दौरान एक बड़ा फैसला लेते हुए पोस्टरों से मनोहर लाल खट्टर को आउट कर दिया था। जगह सिर्फ नायब सिंह सैनी को दी गई, ऐसे में जनता को सीधा मैसेज गया- हरियाणा में अब बीजेपी की बागडोर सैनी के हाथों में है, अगर खट्टर से नाराजगी भी है, सैनी को तो सुधारने का मौका देना चाहिए। ऐसे में सैनी को प्रचार में आगे करना भी बीजेपी को फायदा दे गया है।
नायब के 3 नायाब काम दे गए फायदा
वैसे पिछले 6 महीने में नायब सिंह सैनी ने सीएम रहते हुए कुछ ऐसे फैसले भी लिए जिन्होंने जनता को खासा खुश करने का काम किया, यह भी कहा जा सकता है कि कुछ खास वर्गों को टारगेट किया गया। उदाहरण के लिए उन्होंने 1 लाख 20 हजार कच्चे कर्मचारियों के पक्के करने का ऐलान किया था। उस फैसला का सीधा असर युवाओं पर पड़ा, उन कर्मचारियों पर पड़ा जो कई सालों से इसकी मांग कर रहे थे। इसी तरह किसानों को रिझाने के लिए 24 फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य देने की बात हुई थी।
महिलाओं को टारगेट करने के लिए 500 रुपये में सिलेंडर देने का ऐलान भी सीएम सैनी ने ही किया। इसके ऊपर सरपंचों को 21 लाख रुपये तक का काम बिना ई-टेंडरिंग के करवाने का काम भी उन्होंने ही किया। ऐसे में सैनी ने सिर्फ छह महीनों में साबित कर दिया था कि वे हर वर्ग के लिए काम करने वाले हैं। अब नतीजे बता रहे हैं कि जनता ने भी उन्हें भर-भर कर आशीर्वाद दिया है।