राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दो राज्यों में नए राज्यपाल की नियुक्ति कर दी है और एक यूटी में एलजी की भी नियुक्ति हुई है। हरियाणा और गोवा में नए राज्यपाल बनाए गए हैं तो वहीं लद्दाख को अपना नया लेफ्टिनेंट जनरल मिल गया है। सरकार ने हरियाणा के नए राज्यपाल के रूप में असीम कुमार घोष को नियुक्त किया है, वहीं गोवा को नए गर्वनर के रूप में पशुपति अशोक गजपति राजू मिल गए हैं। लद्दाख की बात करें तो वहां पर कविंदर गुप्ता को बतौर एलजी नियुक्त किया गया है।

अभी के लिए लद्दाख के मौजूदा राज्यपाल ब्रिगेडियर बीडी मिश्रा का इस्तीफा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंजूर कर दिया है। वहीं जो नए राज्यपाल हैं, कार्यभार ग्रहण करने की डेट से उनका कार्यकाल शुरू हो जाएगा। यहां पर समझने वाली बात यह है कि पशुपति अशोक गजपति राजू तो एक पूर्व केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं, वहीं कविंदर गुप्ता की बात करें तो जम्मू-कश्मीर में बीजेपी के बड़े नेता हैं और कुछ समय तक डिप्टी सीएम के पद पर भी रह चुके हैं।

राज्यपाल की नियुक्ति कैसे होती है?

संविधान के अनुच्छेद 153 में राज्यपाल की नियुक्त के बारे में बताया गया है। इसके मुताबिक “प्रत्येक राज्य के लिए एक राज्यपाल होगा।” संविधान के लागू होने के कुछ वर्षों बाद 1956 में एक संशोधन किया गया जिसके मुताबिक एक व्यक्ति को दो या दो से अधिक राज्यों के राज्यपाल की जिम्मेदारी दी जा सकती है। अनुच्छेद 155 कहता है कि “राज्य के राज्यपाल को राष्ट्रपति द्वारा अपने हस्ताक्षर और मुहर के तहत वारंट द्वारा नियुक्त किया जाएगा”। राज्यपाल का सामान्य कार्यकाल 5 वर्ष का होगा। अगर राष्ट्रपति 5 वर्ष की अवधि पूरी होने से पहले भी चाहें तो राज्यपाल को पद छोड़ना पड़ता है। चूंकि राष्ट्रपति प्रधान मंत्री और केंद्रीय मंत्रिपरिषद की सहायता और सलाह पर कार्य करता है, इसलिए राज्यपाल को केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त और हटाया जाता है।

क्या होती है योग्यता

राज्यपाल की नियुक्ति के लिए क्या योग्यता होनी चाहिए इसके बारे में अनुच्छेद 157 और 158 में शर्तों को निर्धारित किया गया है। राज्यपाल को भारत का नागरिक होना चाहिए और 35 वर्ष की आयु होनी चाहिए। राज्यपाल को संसद या राज्य विधानमंडल का सदस्य नहीं होना चाहिए और किसी अन्य लाभ के पद पर नहीं होना चाहिए।