हरियाणा में पिछले कई दिनों से जारी किसान आंदोलन अब खत्म हो गया है। राज्य सरकार ने किसानों की मांगों को मान लिया है। ऐलान कर दिया गया है कि एमसपी पर ही सूरजमुखी की खरीद की जाएगी। इसके अलावा जेल में जो किसान बंद थे, उन्हें भी रिहा करने का आदेश दे दिया गया है। किसानों से बातचीत करने के बाद राज्य सरकार ने ये मांगें मानी हैं।
क्यों विरोध कर रहे थे किसान?
जानकारी के लिए बता दें कि पिछले कुछ दिनों से हरियाणा के कुरुक्षेत्र में किसानों का विरोध प्रदर्शन चल रहा था। ये विरोध प्रदर्शन एमएसपी और जेल में बंद किसानों की रिहाई को लेकर था। यहां भी किसान नेता राकेश टिकैत आगे से लीड कर रहे थे। अब मंगलवार रात 9 बजे राकेश टिकैत ने ऐलान किया कि वे अपना विरोध प्रदर्शन समाप्त कर रहे हैं। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि पूरे देश में एमएसपी को लेकर लड़ाई जारी रहने वाली है, उस प्रदर्शन में कोई ढिलाई नहीं की जाएगी।
किसानों की मांग क्या थी?
वैसे हरियाणा में हुए विरोध प्रदर्शन की बात करें तो किसान की सबसे बड़ी मांग ये थी कि सूरजमुखी के बीज की एमएसपी पर खरीद हो। असल में किसानों का दावा ये है कि वे अपनी फसल को चार हजार रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से निजी खरीदारों को बेचने को मजबूर हैं। लेकिन सरकारी एमएसपी इसकी 6,400 रुपये प्रति क्विंटल की है। ऐसे में किसान चाहते थे कि सूरजमुखी पर उन्हें एमसपी वाला रेट ही मिले। अब राज्य सरकार ने ये बड़ी मांग मान ली है।
जेल में बंद किसान भी होंगे रिहा
इसके अलावा इस समय कई किसान जेल में बंद हैं। अलग-अलग मामलों में उनके खिलाफ एक्शन हुए थे। लेकिन किसान नेता राकेश टिकैत का मानना है कि गलत केसों में उन्हें जेल में डाला गया। ऐसे में अब उन जेल में बंद किसानों की रिहाई भी होने वाली है। इसी वजह से अब किसानों ने नेशनल हाईवे को भी खोलने का ऐलान कर दिया है। जब तक किसानों का प्रदर्शन जारी था, ट्रैक्टर सड़क पर खड़ा हाईवे को ब्लॉक कर दिया गया था।