Manraj Grewal Sharma
Haryana Elections: हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर करनाल से चुनाव मैदान में उतर रहे हैं। करनाल में मनोहर लाल खट्टर की स्थिति काफी मजबूत दिख रही है और माना जा रहा है कि सीएम मनोहर लाल खट्टर यहां आसानी से जीत दर्ज कर लेंगे। करनाल की एक गृहणी मीना गुप्ता का कहना है कि यहां चुनाव को लेकर कोई रोमांच नहीं है, क्योंकि यहां से सीएम मनोहर लाल खट्टर की जीत तय मानी जा रही है। वकीलों के एक समूह ने भी बातचीत के दौरान बताया कि उन्होंने आज तक चुनाव में इतनी गैर-बराबरी की टक्कर नहीं देखी है।
बता दें कि कांग्रेस ने करनाल सीट से पूर्व प्रदेश अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन रहे त्रलोचन सिंह को चुनाव मैदान में उतारा है। इनेलो ने इस सीट से अपने किसी उम्मीदवार को चुनाव में नहीं उतारा है। वहीं जननायक जनता पार्टी ने तेज बहादुर को टिकट दिया है। उल्लेखनीय है कि तेज बहादुर यादव इससे पहले बीएसएफ में थे और खराब खाने की शिकायत के बाद सोशल मीडिया पर खासे वायरल हुए थे। इसके बाद बीते आम चुनावों में वाराणसी से पीएम मोदी के खिलाफ भी चुनावी मैदान में ताल ठोक चुके हैं। हालांकि अंतिम समय में उनका नामांकन रद्द हो गया था।
पंजाब यूनिवर्सिटी के एक राजनैतिक जानकार आशुतोष कुमार का कहना है कि कांग्रेस अपनी जिम्मेदारी से भाग रही है। पार्टी ने प्रत्याशियों को उनके ही भरोसे छोड़ दिया है और गांधी परिवार के लोग भी चुनाव प्रचार के लिए नहीं आ रहे हैं।
गौरतलब है कि दिसंबर, 2018 को मेयर पद के लिए हुए चुनाव में सत्ताधारी भाजपा को कड़ी टक्कर मिली थी और भाजपा यहां से बामुश्किल जीत पायी थी। लेकिन बीते 10 माह के दौरान मनोहर लाल खट्टर ने विपक्ष को पूरी तरह से खत्म ही कर दिया है।
दरअसल मेयर चुनाव में दूसरे नंबर पर रहीं आशा वाधवा के पति मनोज वाधवा भाजपा में शामिल हो चुके हैं। वहीं बीते विधानसभा चुनावों में मनोहर लाल खट्टर के खिलाफ करनाल से चुनाव लड़ने वाले जय प्रकाश गुप्ता ने भी कांग्रेस छोड़कर भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली है।
खट्टर सरकार ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के वकीलों को विरोध के बावजूद हरियाणा एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल का गठन किया है, जो कि करनाल के बाहर काम करेगा। यही वजह है कि वकील इससे खट्टर सरकार के समर्थन में आ गए हैं।
हालांकि ऐसा भी नहीं है कि मनोहर लाल खट्टर के सामने कोई चुनौती ही नहीं है। सबसे बड़ी चुनौती बेरोजगारी की समस्या है। करनाल के कई युवा नौकरी ना मिलने के चलते खट्टर सरकार से खफा हैं। कई युवाओं ने बातचीत में बताया कि खट्टर सरकार ने उनके लिए कुछ नहीं किया है, इसलिए वह उन्हें क्यों चुनें? हालांकि भाजपा की कोशिश खट्टर की जीत का अंतर ज्यादा से ज्यादा करने की है। भाजपा ने पन्ना प्रमुखों को तैनात कर दिया है, जिनकी जिम्मेदारी ज्यादा से ज्यादा संख्या में लोगों को उनके घर से लेकर पोलिंग बूथ तक लाने की होगी।
