Haryana Assembly Election 2024, Haryana Vidhan Sabha Chunav Seat:हरियाणा चुनाव को लेकर सभी पार्टियों ने अपने स्तर पर तैयारी शुरू कर दी है, बीजेपी से लेकर कांग्रेस तक पूरी तरह चुनावी मोड में आ चुकी हैं। अब तो पीएम मोदी ने राज्य में अपनी सियासी रैलियों का दौर भी शुरू कर दिया है। अब इसी कड़ी में इस बार हरियाणा की हिसार सीट का समीकरण समझना भी जरूरी हो जाता है, इसे एक हाई प्रोफाइल सीट के रूप में देखा रहा है। इस सीट पर जिंदल परिवार का प्रभाव रहा है, इसे बीजेपी का मजबूत गढ़ भी माना गया है।

हिसार में इस बार कैसा मुकाबला?

वर्तमान में हिसार से बीजेपी के ही डॉ. कमल गुप्ता विधायक हैं। डॉ. गुप्ता नायब सिंह सैनी सरकार में मंत्री हैं। एक बार फिर बीजेपी ने उन्हें हिसार से ही चुनावी मैदान में उतार दिया है। लेकिन उनकी राह उतनी भी आसान नहीं मानी जा रही, इस बार कई दिग्गज निर्दलीय ही चुनाव लड़ बीजेपी की चुनौती बढ़ाने का काम कर रहे हैं। इस बार के चुनाव में देश की सबसे अमीर महिला सावित्री जिंदल हिसार सीट से निर्दलीय ही उतरने जा रही हैं।  भारत की सबसे अमीर महिला हैं और उनकी संपत्ति करोड़ों में है।

पिछली बार के नतीजे?

पार्टीनेतावोट
बीजेपीकमल गुप्ता49675
कांग्रेसराम निवास33483
जेजेपीजितेंद्र मानव6143

जिंदल परिवार की ताकत

नवीन जिंदल के रसूख को इससे समझा जा सकता है कि लोकसभा चुनाव से पहले जब उन्होंने बीजेपी ज्वाइन की थी तो कुछ ही घंटे के भीतर पार्टी ने उन्हें कुरुक्षेत्र से लोकसभा का उम्मीदवार बना दिया था। नवीन जिंदल 2004 और 2009 में भी कुरुक्षेत्र से लोकसभा का चुनाव जीत चुके हैं। तब वह कांग्रेस से चुनाव जीते थे। नवीन जिंदल की मां सावित्री जिंदल और उनके पिता ओपी जिंदल हिसार से विधायक रह चुके हैं। ओपी जिंदल और सावित्री जिंदल भूपेंद्र सिंह हुड्डा की अगुवाई वाली राज्य सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं।

हिसार का जातीय समीकरण

वैसे हिसार सीट पर कांग्रेस ने इस बार रामनिवास राड़ा को मौका देने का काम किया है। जानकार मानते हैं कि इस सीट पर इस बार निर्दलीय दोनों कांग्रेस और बीजेपी का खेल बिगाड़ सकते हैं। वैसे खेल बिगाड़ने का काम तो हिसार के जातीय समीकरण भी कर सकते हैं। इस सीट पर 31 हजार पंजाबी, 24 हजार पंजाबी, 17 हजार सैनी और 11 हजाग ब्र्हामण से आते हैं।