दिल्ली के पड़ोसी राज्य हरियाणा में चुनाव प्रचार पूरे जोर-शोर से चल रहा है लेकिन सत्ता में आने का दावा कर रही मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपना दौरा रद्द कर दिया। यह तय था कि खड़गे सोमवार को अंबाला और करनाल में चुनावी रैलियां करेंगे लेकिन वह दोनों चुनावी रैलियों में नहीं पहुंचे। इसके पीछे भले ही खड़गे के खराब स्वास्थ्य को वजह बताया जा रहा है लेकिन राजनीतिक हलकों में इस बात की चर्चा बहुत तेज है कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा के बीच चल रही तनातनी और मनमुटाव की वजह से ऐसा हुआ है।

खड़गे के चुनावी रैलियों में न आने की वजह से निश्चित रूप से हरियाणा में सियासी चर्चाओं का बाजार भी गर्म हो गया है। हरियाणा में मतदान की तारीख अब दूर नहीं है। 5 अक्टूबर को वोटिंग होनी है और उससे ठीक पहले पार्टी के भीतर भूपेंद्र हुड्डा बनाम कुमारी सैलजा के बीच संघर्ष की खबरें लगातार सामने आ रही हैं।

चुनाव प्रचार से दूर हैं सैलजा

यहां याद दिलाना होगा कि सिरसा से लोकसभा सांसद कुमारी सैलजा 12 सितंबर से पार्टी के चुनाव प्रचार से नदारद हैं। कुमारी सैलजा की नाराजगी की खबरों को लेकर तमाम तरह की चर्चाएं हो रही हैं। यहां तक कहा जाने लगा था कि कुमारी सैलजा कांग्रेस का साथ छोड़ सकती हैं और बीजेपी में जा सकती हैं। लेकिन इस बीच उन्होंने राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात की है। यह मुलाकात रविवार रात को हुई है।

कांग्रेस के सूत्रों ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि कुमारी सैलजा ने मल्लिकार्जुन खड़गे से बातचीत में कई मुद्दों को उठाया है। उन्होंने पार्टी अध्यक्ष से कहा है कि किस तरह उन्हें और पार्टी के अन्य नेताओं को पार्टी का घोषणा पत्र बनाते वक्त, उम्मीदवारों के चयन के वक्त नजरअंदाज किया गया है। कुमारी सैलजा ने पार्टी अध्यक्ष को यह भी बताया कि उनके और पार्टी के योग्य कार्यकर्ताओं और नेताओं को पार्टी के मंच से दूर रखा गया है।

खड़गे से मुलाकात के बाद कांग्रेस के राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर बताया कि कुमारी सैलजा 26 सितंबर से पार्टी के लिए चुनाव प्रचार करेंगी। कुमारी सैलजा के चुनाव प्रचार में नहीं आने से निश्चित रूप से पार्टी के चुनाव अभियान पर असर पड़ रहा है क्योंकि बीजेपी के नेता भी कुमारी सैलजा के चुनाव अभियान में नहीं पहुंचने का मुद्दा उठा रहे हैं।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता इसका जवाब देने में सक्षम नहीं हैं कि आखिर कुमारी सैलजा चुनाव प्रचार से दूर क्यों हैं? सैलजा इस बार लोकसभा चुनाव में सिरसा सीट से जीती थीं, इससे पहले वह अंबाला से सांसद रहने के साथ ही नरसिम्हा राव और मनमोहन सिंह की सरकारों में मंत्री रही हैं। वह हरियाणा कांग्रेस की अध्यक्ष रहने के साथ ही राज्यसभा की सदस्य भी रह चुकी हैं।

बीजेपी ने कहा- गुटबाजी आई सामने

खड़गे के चुनावी रैलियों में ना आने को बीजेपी ने भी उठाया है। बीजेपी की आईटी सेल के प्रभारी अमित मालवीय ने कहा है कि हुड्डा और सैलजा की गुटबाजी की वजह से कांग्रेस अध्यक्ष को अपना दौरा रद्द करना पड़ा है। हरियाणा सरकार के पूर्व गृहमंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता अनिल विज ने भी इस ओर इशारा किया है। उन्होंने कहा है कि खड़गे का दौरा रद्द होने के बाद कांग्रेस के अंदर चल रहा संघर्ष खुलकर सामने आ गया है।

क्यों नाराज हैं सैलजा?

बताना होगा कि कुमारी सैलजा दलित समुदाय से आती हैं और लंबे वक्त से राजनीति में सक्रिय हैं। सैलजा के नाराज होने के पीछे जो मुख्य वजह बताई जा रही हैं, उनमें कांग्रेस के एक नेता के द्वारा जातिगत टिप्पणी करना, कांग्रेस नेतृत्व द्वारा टिकट वितरण में हुड्डा कैंप को अहमियत देना और पार्टी के द्वारा विधानसभा चुनाव लड़ने का मौका नहीं देना भी है। सैलजा और सुरजेवाला विधानसभा का चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन केंद्रीय नेतृत्व ने इसके लिए हामी नहीं भरी।

सीएम पद पर दावेदारी नहीं छोड़ी

कुमारी सैलजा ने हालांकि न्यूज़ चैनल आज तक के मंच पर सोमवार को स्पष्ट रूप से कहा है कि वह कांग्रेस नहीं छोड़ेंगी लेकिन उन्होंने सीएम बनने की तमन्ना को अलविदा नहीं कहा है। कुमारी सैलजा लोकसभा चुनाव के नतीजे के बाद से ही मीडिया चैनलों के साथ बातचीत में सीएम पद को लेकर अपनी दावेदारी ठोक चुकी हैं। पार्टी के एक और बड़े नेता रणदीप सुरजेवाला भी टीवी चैनलों के साथ बातचीत में हरियाणा में कांग्रेस की सरकार बनने की सूरत में मुख्यमंत्री बनने की ख्वाहिश जाहिर कर चुके हैं।

देखना होगा कि पिछले कई दिनों से कांग्रेस के चुनाव प्रचार से किनारा करने वालीं कुमारी सैलजा क्या रणदीप सुरजेवाला के दावे के मुताबिक पार्टी के लिए चुनाव प्रचार करेंगी। लेकिन हरियाणा के राजनीतिक माहौल और कांग्रेस के भीतर चल रही दिग्गजों की लड़ाई को देखने से यह साफ समझ में आता है कि यह गुटबाजी कांग्रेस को भारी पड़ सकती है।