हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने आज विवादों में घिरे धर्मगुरु संत रामपाल से अदालत में शांतिपूर्ण ढंग से पेश होने को कहा। उन्होंने कहा कि न्यायिक प्रणाली की गरिमा बरकरार रखने को सर्वाधिक प्राथमिकता दी जानी चाहिए।

एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार मुख्यमंत्री ने रामपाल के अनुयायियों से भी अपील की है कि वे पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के निर्देशों का पालन करने में सहयोग करें। उन्होंने कहा, ‘‘लोकतांत्रिक व्यवस्था में न्यायिक प्रणाली की गरिमा को बरकरार रखने के लिए शीर्ष प्राथमिकता दी जानी चाहिए।’’

मुख्यमंत्री ने धर्मगुरु से अनुरोध किया कि वह शांतिपूर्ण ढंग और बिना किसी अड़चन के स्वयं अदालत में पेश हों।  पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने गत सोमवार को राज्य सरकार की इस दलील को खारिज कर दिया था कि रामपाल अस्वस्थ्य हैं और उनकी गिरफ्तारी से कानून एवं व्यवस्था की समस्या उत्पन्न होगी। अदालत ने अवमानना के एक मामले में उनके खिलाफ नये सिरे से गैर जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी करते हुए पूछा था कि 2006 के हत्या कांड में उनकी जमानत को रद्द क्यों न कर दिया जाये।

अदालत ने यह भी टिप्पणी की थी कि राज्य सरकार में धर्मगुरु को गिरफ्तार करने के लिए इच्छाशक्ति का अभाव है और उन्हें अदालत में पेश करने के लिए कोई गंभीर प्रयास नहीं किये गये। अदालत ने हरियाणा पुलिस के महानिदेशक एवं गृह सचिव को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था कि रामपाल को 17 नवंबर तक उसके समक्ष पेश किया जाये।

इस बीच, उनके हिसार स्थित आश्रम के आसपास स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। रामपाल के अनुयायियों ने आश्रम को चारों तरफ से घेर रखा है ताकि उनकी गिरफ्तारी को रोका जा सके। पुलिस ने आश्रम के आसपास के क्षेत्रों को पूरी तरह से घेरे में ले लिया है ताकि अदालती आदेश को पूरा किया जा सके।

हिसार बरवाला मार्ग को रोक कर आश्रम के आसपास निषेधाज्ञा लागू कर दी गयी है। जिले में वरिष्ठ पुलिस अधिकारी डेरा जमाये हुए हैं ताकि स्थिति पर करीबी नजर रखी जा सके।

रामपाल के अनुयायियों का दावा है कि जब तक धर्मगुरु पूरी तरह से स्वस्थ्य नहीं हो जाते पुलिस को उन्हें गिरफ्तार नहीं करने दिया जाएगा।