हरियाणा में जाट आंदोलन के दौरान मुरथल हाईवे पर 10 महिलाओं के साथ बलात्कार की खबर है। अंग्रेजी अखबार द ट्रिब्यून की एक रिपोर्ट पर पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने मामले में संज्ञान लिया है। हाईकोर्ट के जस्टिस एनके सांघी ने मामले में स्वत: संज्ञान लिया। उन्होंने मुख्य न्यायाधीश को भी खत लिखा है। हाईकोर्ट में गुरुवार को सुनवाई की जाएगी। वहीं पुलिस ने रिपोर्ट को खारिज कर दिया है और इसे अफवाह करार दिया है। पुलिस का कहना है कि ऐसी कोई भी घटना घटित नहीं हुई है। हालांकि चश्मदीदों का कहना है कि करीब 10 महिलाएं इस हादसे का शिकार हुई हैं।
अखबार की रिपोर्ट के अनुसार सोनीपत जिले में नेशनल हाईवे-1 पर सोमवार की सुबह कुछ वाहनों को रोककर उनमें सवार महिलाओं के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया। घटना को पास के खेतों में अंजाम दिया गया। पुलिस पीड़ितों और उनके परिवारों को ‘अपने सम्मान की खातिर’ रिपोर्ट दर्ज न कराने का दबाव डाल रही है। रिपोर्ट में एक चश्मदीद का बयान है,’तीन महिलाओं को एक ढाबे पर ले जाकर उनके परिवार को सौंपा गया। इस दौरान वरिष्ठ पुलिसकर्मी भी मौजूद थे। उन्होंने मामले की जांच के बजाय महिलाओं को घर जाने को कहा।’ रेप की वारदात के बाद भी महिलाएं खेतों में ही रहीं। पास के गांव के लोगों ने उन्हें कंबल और कपड़े दिए। इसके बाद महिलाओं के परिवार वाले उन्हें ले गए।
आईजी रमजीत सिंह अहलावत और प्रिंसीपल सेक्रेटरी देवेंद्र सिंह ने मामले की जांच की। उन्होंने घटना स्थल कुराड़-हसनपुर के आसपास ढाबा मालिकों और आसपास के लोगों बातचीत कर पुलिस टीम के साथ खेतों का मुआयना भी किया। हालांकि आईजी ने माना कि महिलाओं के साथ अभद्रता (मारपीट) की गई पर गैंगरेप नहीं हुआ।
