हरियाणा के एक रेस्टोरेंट में एक सिख युवक को इसलिए एंट्री नहीं दी गई क्योंकि वे अपने साथ कृपाण लेकर गए। रेस्टोरेंट की नजर में कृपाण एक तलवार रही, ऐसे मेंं शख्स को अंदर जाने से रोक दिया गया। अब सोशल मीडिया पर ये मुद्दा चर्चा का विषय बन गया है और लोगों की राय भी इस पर बंटी नजर आ रही है। वैसे जिस शख्स को रेस्टोरेंट में जाने से रोका गया वे हेमकुंत फांउडेशन के हेड फांउडर है।
सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया गया है जिसमें हरतीरथ सिंह आहूवालिया कह रहे हैं कि आपने भेदभाव किया है, इसलिए ये वीडियो बना रहा हूं। ये ना कृपाण हैं, कोई तलवार नहीं। इस घटना को लेकर उनकी तरफ से एक ट्वीट भी किया गया है। उस ट्वीट में उन्होंने लिखा कि पिछली रात जलसा में मैं मोमोस खाने गया था। लेकिन मैं वहां जाकर हैरान रह गया। उन्होंने मेरे कृपाण की वजह से मुझे एंट्री ही नहीं दी। मैं हैरान हूं कि 21वीं सदी में भी लोग इस तरह से भेदभाव करते हैं।
ट्वीट में आगे ये भी लिखा गया कि भारत का संविधान अधिकार देता है कि मैं कृपाण रख सकूं। कुछ अनजान लोगों ने तो मेरा समर्थन भी किया। मुझे बाद में एंट्री तो मिली, लेकिन खाना नहीं मिल पाया। अब ये कोई पहली घटना नहीं है जब रेस्टोरेंट में किसी इस तरह से जाने से रोका गया हो। कुछ रेस्टोरेंट में विशेष कपड़े पहनकर ही एंट्री मिलती है तो कुछ में चप्पल में जाने से मनाई रहती है। लेकिन यहां क्योंकि मामला धर्म से जुड़ा रहा, ऐसे में विवाद ज्यादा बढ़ गया। रेस्टोरेंट द्वारा अभी तक इस विवाद पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है।