जहां दिल्ली की जेएनयू के स्टूडेंट्स देश में रहकर देश विरोधी नारे लगाते रहे हैं आतंकवाद को प्रमोट करने में लगे हैं तो वहीं दूसरी ओर बेंगलुरु के युवक ने इंसानियत की अनोखी मिसाल पेश की है। बेंगलुरु के पास से गुजरने वाले एनएच-4 में लोडेड ट्रक ने हरीश मंजप्पा नाम के शख्स को कुचल दिया।
लेकिन इस शख्स ने मरते दम तक अपने शरीर की परवाह किए बगैर दिमाग में किसी दूसरे की जिंदगी के बचाने के बारे में सोचा। जी हां, हरीश को बेशक ट्रक ने कुचल दिया, वहां मौजूद लोगों से सहायता मांगी लेकिन कोई नहीं आया। एनएच-4 पर इस युवक का शरीर दो टुकड़ों में पड़ा हरीश का मोबािल में वीडियो रिकॉर्ड किया जा रहा था लेकिन कोई रहनुमा नहीं आया।
आखिरकार एंबोलेंस वहां से गुजरी तो सांसे चल रही थीं, इसी समय हॉस्पिटल ले जाया गया लेकिन उसने अपने अंतिम क्षण में अंगदान की बात की। जो हरीश की आखिरी इच्छा थी। बाद में पुलिस ने ट्रक ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया।
लेकिन सोचने वाली बात ये है कि हरीश ने तो एक अच्छे नागरिक का फर्ज निभाया लेकिन वहां मौजूद लोग उसका वीडियो बनाते रहे, उन्होंने इंसानियत को शर्मसार किया। सांसों की डोर थमने से पहले हरीश ने डॉक्टरों से अंगदान करने की करने की बात कही। दुर्घटना मंगलवार सुबह करीबन 8:30 बजे की है।

