देश में कोरोना का संक्रमण बहुत तेजी से फैल रहा है। रोजाना यहां हजारों की संख्या में लोग पॉज़िटिव पाये जा रहे हैं और सैकड़ों लोग रोज़ मर रहे हैं। इन सब के बीच उत्तराखंड में कुंभ का आयोजन जारी है। यहां हजारों की संख्या में साधू संत गंगा स्नान करने के लिए आए हैं। इनमें से कई कोरोना पॉजिटिव भी पाये गए हैं। ऐसे में यहां कोरोना का संक्रमण किसने फैलाया इसको लेकर दो अखाड़े आपस में भीड़ गए।

‘आज तक’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक बैरागी आखाड़ा और संन्यासी आखाड़ा एक दूसरे से इस बात को लेकर भिड़ गए कि मेले में कोरोना किसकी वजह से फैला है। बैरागी अखाड़े का आरोप है कि कुंभ में कोरोना संन्यासी अखाड़े के कारण फैला है। इसके अलावा कई अखाड़ों ने कुम्भ को खत्म करने की बात कहते हुए कुंभ समाप्ति की घोषणा कर दी है। हालांकि बैरागी अखाड़े का कहना है कि कोरोना संन्यासी अखाड़ों से फैला है और कोई भी एक या दो अखाड़े कुंभ खत्म करने का फैसला नहीं कर सकते हैं।

इसके अलावा निर्मोही अखाड़े के अध्यक्ष महंत राजेंद्र दास बे भी एक बयान दिया है जिसमें उन्होने अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि को संक्रमण के लिए जिम्मेदार बताया है। हरिद्वार में कुंभ मेले का समय 30 अप्रैल तक है। कोरोना के चलते इस साल कुंभ का मेला जनवरी की बजाय 1 अप्रैल से शुरू किया गया था।

बता दें कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए निरंजनी अखाड़े ने 15 दिन पहले ही कुंभ मेला खत्म करने का ऐलान कर दिया था। अब इस अखाड़े के 17 साधु-संतों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। अभी कई अन्य अखाड़ों के करीब 200 से ज्यादा साधु-संतों का टेस्ट रिपोर्ट आना बाकी है। अब तक 50 से ज्यादा साधु संत संक्रमित हो चुके हैं। अखिल भारतीय श्री पंच निर्वाणी अखाड़े के महामंडलेश्वर कपिल देवदास की मौत भी हो चुकी है।

देश में कोरोना के तेजी से बढ़ते मामलों के बीच कुंभ मेला जारी रखने पर सवाल भी उठ रहे थे। 14 फरवरी से 28 फरवरी तक उत्तराखंड में महज 172 लोग संक्रमित पाए गए थे। अब 1 से 15 अप्रैल के बीच 15 दिनों में 15,333 लोग कोरोना की चपेट में आए।