ट्रेन से एक यात्रा का वीडियो इस समय सोशल मीडिया पर वायरल चल रहा है। वीडियो में यात्री सवाल उठा रहा है कि उसे हलाल सर्टिफाइड चाय क्यों परोसी गई है? वीडियो कौन सी ट्रेन का है, कब का है, स्पष्ट नहीं, लेकिन इसके वायरल होते ही कई तरह के सवाल लोग उठाने लगे हैं। आखिर किसी चाय को हलाल सर्टिफिकेशन की जरूरत क्या है? चाय जब पूरी तरह वेज है, तो इस सर्टिफिकेशन से क्या मतलब?

वायरल वीडियो में क्या कहा गया?

अब जो सवाल लोग उठा रहे हैं, वहीं सवाल उस यात्री ने भी उठाए। वीडियो में दिख रहा है कि यात्री को जो चाय दी गई है, उसके पैकेट पर हलाल सर्टिफाइड लिखा हुआ है। उसे हलाल सर्टिफिकेशन दिए जाने से यात्री नाराज हो जाता है। वो कहता है कि ये हलाल सर्टिफिकेशन क्या होता है, सावन का महीना चल रहा है, अभी हमे पूजा भी करनी है। आप ऐसे धार्मिक सर्टिफिकेशन क्यों देते हैं? ऐसे में आप स्वास्तिक सर्टिफिकेशन वाली चाय देंगे क्या?

जब यात्री रेल अधिकारी के सामने लगातार ये सवाल दाग रहा था, दूसरी तरफ से सिर्फ इतना कहा गया कि ये चाय पूरी तरह वेज है। चार हर बार वेज ही होती है। रेल अधिकारी की तरफ से उस पैकेट को भी दिखाया गया जिस पर साफ-साफ लिखा था कि ये पूरी तरह वेज है। लेकिन उन तर्कों से भी यात्री संतुष्ट नहीं हुआ, उसे सिर्फ इतना लगा कि धार्मिक आधार पर किसी भी प्रोडक्ट को सर्टिफिकेशन क्यों दिया जा रहा है। अभी के लिए सोशल मीडिया पर लोगों की राय बंटी नजर आ रही है।

हलाल सर्टिफिकेशन का क्या मतलब?

कोई अगर यात्री के सवालों को जायज मान रहा है तो कोई इस बात से नाराज हो रहा है कि यात्री भी स्वास्तिक सर्टिफिकेशन की बात कर रहा है। वैसे इस पूरे विवाद में सबसे बड़ा पहलू हलाल सर्टिफिकेशन का है जो अपने आप में काफी मायने रखता है। असल में हलाल सर्टिफिकेशन एक गारंटी देता है कि जो भी सामान है, वो शरिया कानून को ध्यान में रखकर बनाया गया है, उसमें किसी भी तरह की कोई मिलावट नहीं है। लेकिन एक चाय को मिले इस हलाल सर्टिफिकेशन ने बवाल खड़ा कर दिया है।