ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के ASI सर्वे की रिपोर्ट सामने आ चुकी है। इसे लेकर हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कई दावे किए हैं। कोर्ट के आदेश के बाद सर्वे रिपोर्ट वादी पक्ष को सौंप की गई है। इस रिपोर्ट को 839 पेज का बताया जा रहा है। विष्णु जैन ने एएसआई रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि 17वीं शताब्दी में ज्ञानवापी मस्जिद के निर्माण से पहले उस स्थान पर एक हिंदू मंदिर मौजूद था। उन्होंने रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि पिलर्स और प्लास्टर को थोड़े से मॉडिफिकेशन के साथ मस्जिद के लिए फिर से इस्तेमाल किया गया है। हिंदू मंदिर के खंभों को थोड़ा बहुत बदलकर नए ढांचे के लिए इस्तेमाल किया गया।

जल्द सुलझ जाएगा मामला- जगद्गुरु परमहंस आचार्य

ज्ञानवापी पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की रिपोर्ट पर तपस्वी छावनी के जगद्गुरु परमहंस आचार्य ने कहा कि आज बेहद खुशी का दिन है। राम मंदिर के बाद हमें एक और खुशी मिली है। वाराणसी कोर्ट ने ASI रिपोर्ट को सार्वजनिक कर दिया है। सबूत हैं कि मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनाई गई थी। 2 सितंबर 1669 को आदि विश्वेश्वर मंदिर को तोड़कर ज्ञानवापी नाम की मस्जिद बनाई गई थी। इसका सबूत ASI सर्वे रिपोर्ट में है। ये है मामला सभी सनातनियों और भारतीयों के लिए खुशी की बात है। उन्होंने कहा कि जल्द ही सुप्रीम कोर्ट से आदेश आएगा और आदि विश्वेश्वर की पूजा शुरू हो जाएगी। अयोध्या की तरह वाराणसी मुद्दा भी सुलझ जाएगा।

ASI की सर्वे रिपोर्ट में क्या-क्या खुलासा?

हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि जीपीआर सर्वे पर ASI ने कहा है कि यह कहा जा सकता है कि यहां पर एक बड़ा भव्य हिन्दू मंदिर था। इस रिपोर्ट में सामने आया है कि अभी के ढांचा के पहले एक बड़ा हिंदू मंदिर मौजूद था। ASI के मुताबिक वर्तमान जो ढांचा है उसकी पश्चिमी दीवार पहले के बड़े हिंदू मंदिर का हिस्सा है। उन्होंने बताया कि महामुक्ति मंडप यह बहुत ही महत्वपूर्ण शब्द है जो इसके शिलालेख में मिला है। तहखाने में हिंदू देवी देवताओं की मूर्तियां मिली हैं।

विष्णु जैन ने कहा कि पिलर के नक्काशियों को मिटाने की कोशिश की गई। इस मंदिर का इस मंदिर में एक बड़ा केंद्रीय कक्ष था और कम से कम एक कक्ष क्रमशः उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम में था। पहले से मौजूद संरचना के सजाए गए मेहराबों के निचले सिरों पर उकेरी गई जानवरों की आकृतियों को खराब कर दिया गया था और गुंबद के अंदरूनी हिस्से को दूसरे डिजाइनों से सजाया गया है। सर्वे के दौरान मौजूदा और पहले से मौजूद संरचनाओं पर कई शिलालेख देखे गए। वर्तमान सर्वेक्षण के दौरान कुल 34 शिलालेख दर्ज किए गए और 32 शिलालेख लिए गए।