वाराणसी के ज्ञानवापी मामले से जुड़ी दो याचिकाओं पर आज सुनवाई होनी है। पहली याचिका बंद तहखानों के एएसआई सर्वे की मांग को लेकर है। सोमवार को प्रभारी जिला जज अनिल कुमार पंचम की अदालत में हिंदू पक्ष की ओर से आवेदन देकर ज्ञानवापी के बंद तहखानों का भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) से सर्वे कराने की मांग की गई। यह आवेदन मां शृंगार गौरी केस की वादिनी राखी सिंह की ओर से दाखिल किया गया है।

क्या है मामला?

31 जनवरी को वाराणसी कोर्ट ने एक आदेश जारी करते हुए हिंदू पक्ष को व्यास जी के तहखाने में पूजा पाठ की अनुमित दे दी थी। इसके बाद हिंदू पक्ष ने पूजा अर्चना शुरू कर दी। इस आदेश के खिलाफ मस्जिद का रखरखाव करने वाले अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष को इस मामले में हाईकोर्ट जाने को कहा। हाईकोर्ट में आज इस मामले की सुनवाई होनी है। मुस्लिम पक्ष की ओर से जिला कोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई है।

सभी तहखानों के एएसआई सर्वे की मांग

हिंदू पक्ष की ओर से सभी तहखानों के एएसआई सर्वे की भी मांग की गई है। इसे लेकर वाराणसी कोर्ट में याचिका दाखिल की गई गई। वाराणसी की अदालत में दायर की गई याचिका में दावा किया है कि मस्जिद के एक हिस्से प्लॉट नंबर 9130 में हिंदू देवी-देवताओं की प्रतिमाएं हैं। वाराणसी जिला कोर्ट ने पिछले साल 21 जुलाई को एएसआई को एक सर्वे करने का निर्देश दिया था।

हिंदू पक्ष के वकील सौरभ तिवारी ने कहा कि एएसआई की सर्वे रिपोर्ट के अनुसार ज्ञानवापी में आठ तहखाने हैं। इनमें से एस-1 और एन-1 तहखाना का सर्वे नहीं हुआ है। क्योंकि इन दोनों तहखानों के भीतर प्रवेश करने का जो रास्ता है उसे ईंट-पत्थर से बंद कर दिया गया है। जिन तहखानों में सर्वे नहीं हुआ है, वहां प्राचीन ज्ञानवापी मंदिर का गर्भगृह होने की संभावना है।