ज्ञानवापी मस्जिद मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने ज्ञानवापी परिसर में एएसआई सर्वे (Gyanvapi ASI Survey) को जारी रखने का आदेश दिया है। चीफ जस्टिस कोर्ट प्रीतिंकर दिवाकर की सिंगल बेंच ने ये फैसला सुनाते हुए मुस्लिम पक्ष की याचिका को खारिज कर दिया है। हाईकोर्ट की ओर से कहा गया कि न्याय के लिए यह जरूरी है। हिंदू पक्ष की ओर से कहा गया कि एएसआई अपना सर्वे जल्द ही शुरू कर सकती है। इससे पहले वाराणसी की जिला अदालत ने हिंदू पक्ष की याचिका पर एएसआई सर्वे का आदेश दिया था। एएसआई की टीम ने सर्वे शुरू भी किया लेकिन मुस्लिम पक्ष इस पर रोक की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। सुप्रीम कोर्ट ने सर्वे पर रोक के साथ ही याचिकाकर्ताओं को हाईकोर्ट जाने को कहा था। हाईकोर्ट ने इस मामले में सुनवाई के बाद सर्वे जारी रखने का निर्देश दिया है।
हाईकोर्ट ने सुरक्षित रखा था फैसला
बता दें कि मुस्लिम पक्ष की याचिका पर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 27 जुलाई को सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। कहा गया था कि 3 अगस्त को सर्वे को लेकर फैसला सुनाया जाएगा। सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष की ओर से दलील की गई थी कि अगर सर्वे किया जाएगा तो क्या उससे ज्ञानवापी को कोई नुकसान पहुंच जाएगा? मुस्लिम पक्ष ने भी अपनी याचिका में इसी चिंता को रेखांखित किया था। मुस्लिम पक्ष की तरफ से कुछ तस्वीरें भी शेयर की गईं जिनमें एसआई अधिकारियों के हाथ में फावड़ा दिखा।
एएसआई ने दिया हलफनामा
हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने बताया कि एएसआई की ओर से हाईकोर्ट में हलफनामा दिया गया है कि सर्वे के दौरान परिसर को किसी प्रकार की क्षति नहीं पहुंचेगी। एएसआई ने कहा कि अगर खुदाई की जरूरत होगी तो जिला कोर्ट से अनुमति लेकर ही उसे किया जाएगा। इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश से पहले हिंदू पक्ष ने वाराणसी जिला न्यायालय में एक और याचिका डाली है। वादिनी राखी सिंह ने जिला कोर्ट में यह याचिका दायर की है और मुस्लिम पक्ष पर साक्ष्य मिटाने का आरोप लगाया है। इसके अलावा, याचिका में ज्ञानवापी परिसर में मुस्लिमों के प्रवेश पर रोक लगाने की अपील भी की है। इस मामले में 4 अगस्त यानि शुक्रवार को सुनवाई करेगा।
सच्चाई सामने आएगी- केशव मौर्य
हाईकोर्ट के आदेश के बाद यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य की प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने कहा एएसआई के सर्वे से सच सामने आएगा। मुगल आक्रांतओं की ओर से हिंदू संस्कृति को खत्म करने की कोशिश की गई थी उसका सच अब सामने आने वाला है।
जिला कोर्ट ने क्या दिया था फैसला
बता दें कि 21 जुलाई को वाराणसी के जिला जज एके विश्वेश ने शुक्रवार को मस्जिद परिसर का वैज्ञानिक सर्वे कराने का आदेश दिया था। इस आदेश के अगले ही दिन एएसआई की ओर से सर्वे शुरू कर दिया गया। जिला कोर्ट ने सर्वे का काम 4 अगस्त तक पूरा करने का निर्देश दिया था। 4 अगस्त को जिला कोर्ट इस मामले की दोबारा सुनवाई करेगा। इससे पहले हिंदू पक्ष की याचिका पर जज रवि कुमार दिवाकर ने मस्जिद परिसर का एडवोकेट सर्वे कराने का आदेश दिया था। पिछले साल मई में तीन दिन तक सर्वे हुआ था। सर्वे के बाद हिंदू पक्ष ने यहां शिवलिंग मिलने का दावा किया था। दावा था कि मस्जिद के वजूखाने में शिवलिंग है। हालांकि मुस्लिम पक्ष की ओर से इसे फव्वारा बताया जा रहा है।