गुलाम नबी आजाद ने चुनाव लड़ने से मना कर दिया है, पहले वे अनंतनाग से चुनाव लड़ने वाले थे। महबूबा मुफ्ती के खिलाफ वे ताल ठोक रहे थे। लेकिन अब चुनाव से ठीक पहले आजाद की तरफ से सबसे बड़ा ऐलान कर दिया गया है। उन्होंने कुछ समय पहले ही अपनी खुद की पार्टी बनाई थी, कांग्रेस से उनका कई दशकों का रिश्ता खत्म हुआ था।

लेकिन अब लोकसभा चुनाव में आजाद हिस्सा ही नहीं लेने वाले हैं। ऐसे में महबूबा मुफ्ती की राह अनंतनाग में और ज्यादा आसान बनती दिख रही है। अनंतनाग का इलाका पहले से ही पीडीपी का मजबूत गढ़ माना जाता है, यहां से पीडीपी को जीत मिलती है। लेकिन इस बार आजाद की दावेदारी ने मुकाबले को दिलचस्प बनाया था, लेकिन अब वो मुकाबलना ही देखने को नहीं मिलने वाला है।

जानकारी के लिए बता दें कि इस सीट से नेशनल कॉन्फ्रेंस ने मियां अल्ताफ को चुनावी मैदान में उतार रखा है, वहीं बीजेपी ने अभी तक पत्ते नहीं खोले हैं। वैसे गुलाम नबी आजाद ने चुनाव लड़ने से जरूर मना किया है, लेकिन वे प्रचार जारी रखने वाले हैं। कुछ दिन पहले ही उनकी तरफ से कांग्रेस पर हमला किया था, जोर देकर कहा था कि कांग्रेस ही बीजेपी को जीतने का मौका दे रही है।

इस पर जयराम रमेश ने पलटवार करते हुए कहा कि बीजेपी से नजदीकियां तो किसी और की दिखती हैं। राज्यसभा में आजाद के आखिरी दिन को याद करे हुए जयराम रमेश ने कहा कि किस तरह से उनके रिटायरमेंट पर ड्रामा हुआ था, किस तरह से बाद में उन्हें प्रद्म भूषण सम्मान दिया गया, किस तरह से वे अभी भी अपने बंगलों में रुके हुए हैं।