गुजरात के अहमदाबाद में एक पति अपनी पत्नी को अक्सर घर से बाहर निकालने की धमकी देता था। पत्नी ने कोर्ट में इसकी शिकायत कर दी। शिकायत पर संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने पति के ही घर में घुसने पर बैन लगा दिया है। अहमदाबाद मेट्रोपॉलिटन कोर्ट नंबर 7 ने अमराईवाड़ी के रहने वाले पटानी को अपने उस घर में जाने पर रोक लगा दी जिसमें उनकी पत्नी और उनके तीन बच्चे रहते हैं।
अदालत ने महिला की शिकायत पर घरेलू हिंसा अधिनियम की धारा 19 (1) (ए) के प्रावधान के तहत ऐसा आदेश दिया है। महिला ने शिकायत की थी उसका पति ने बार-बार उसे और उसके बच्चों को वैवाहिक घर (ससुराल) से बाहर निकालने की धमकी देता था।
टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार, साल 1994 में पटानी की शादी हुई थी। 2017 में पटानी की पत्नी ने सुरक्षा अधिकारी के माध्यम से कोर्ट में शिकायत की। शिकायत में कहा कि 15 साल तक दोनों के वैवाहिक संबंध अच्छे रहे लेकिन 2012 के बाद से विवाद शुरू हो गया। एक छत के नीचे रहते हुए भी वैवाहिक संबंध नहीं रहा।
पत्नी ने आरोप लगाया कि उसके पति का किसी और से संबंध है और अवैध संबंध की वजह से वह अक्सर उसे बच्चों सहित घर से निकालने की धमकी देता है। पत्नी ने मांग की थी कि उसके पति के पास शहर में भी संपत्ति है और गांव में भी खेती से आय होती है, इसलिए उसे रहने-सहने के लिए पैसे चाहिए।
दूसरी ओर पति ने कोर्ट को बताया कि उसकी पत्नी झगड़ालू स्वभाव की है। पति ने विवाहेत्तर संबंधों और मारपीट से भी इनकार किया। व्यक्ति ने कहा कि उसकी पत्नी ही उसे प्रताड़ित करती थी और उसकी मां की पिटाई करती थी। उन्होंने यह भी दावा किया कि पत्नी के साथ-साथ तीनों बच्चे भी अच्छे से जीवन जी रहे हैं। उसने अदालत को बताया कि वह पत्नी के साथ नहीं रहता है, बल्कि अपनी मां के साथ पास के घर में रहता है।
कोर्ट ने पत्नी द्वारा पति के ऊपर लगाए गए विवाहेत्तर संबंध के आरोप के मामले को सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया। मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने पत्नी के पति के विवाहेतर संबंध के आरोप को स्वीकार किया और कहा कि महिला भावनात्मक रूप से आहत थी। वह सभी तरह के आरोप लगा सकती थी, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया। वे एक घर में रहते हैं, लेकिन अलग-अलग। कोर्ट ने पति को हर महीने पत्नी को देने का आदेश दिया। साथ ही पुलिस को महिला की सुरक्षा की भी जिम्मेवारी दी।