देश का हर नागरिक सेना और शहीदों को सम्मान देता है। देश की लिए जान देने वाले सैनिकों के परिवार को सरकार भी हर संभव मदद करती रही है। परिवारों को घर के दीपक के बुझने का गम तो होता ही है लेकिन फक्र भी होता है। लेकिन एक ऐसा भी शख्स है जो बीते 20 बरस से शहीदों के परिवार से भावनात्मक रूप से जुड़ा है। गुजरात का एक सिक्योरिटी गार्ड हर दीवाली पर शहीदों के परिवार को चिट्ठी लिखता है।
सूरत में रहने वाले सिक्योरिटी गार्ड जितेंद्र सिंह पिछले 20 सालों से शहीदों के परिवार को दीपावली के मौके पर चिट्ठी लिखते रहते हैं। वह चिट्ठी लिख कर शहीदों की शहादत को याद करते हैं।
Gujarat: Jitendra Singh, a security guard in Surat sends postcards to families of soldiers who lost their lives in action, says "Doing this since 20 yrs. They're happy there's someone who remembers them. When I meet them, I collect soil from their houses to make 'Shaheed Smarak" pic.twitter.com/c73rduzETd
— ANI (@ANI) November 2, 2018
शहीदों को नमन करने के अपने तरीके पर जितेंद्र सिंह का कहना है कि वह शहीदों के परिवार को चिट्ठी इसलिए लिखते हैं ताकि उन्हें यह अहसास रहे कि उन्होंने जिस पिता, पति, भाई, बेटे को खोया है उन्हें कोई आज भी कोई याद करता है। इतना ही नहीं उन्होंने शहीदों के आंगन से मिट्टी भी इकट्ठा की है। जिससे वह शहीद स्मारक बनवाना चाहते हैं।
जितेंद्र सिंह का कहना है कि, कारगिल युद्ध और उससे पहले सेना के जवान पत्र लिखकर परिवार को भेजते थे। युद्ध के समय भी कई जवानों ने पत्र लिखे। बहुत से सैनिकों के लिखे गए खत जब तक घर पहुंचते, वह देश के लिए शहीद हो चुके थे। सभी ने अपने परिवार से घर आने की बात कही होगी लेकिन वो कभी वापस जिंदा नहीं आ सके। यहीं से मुझे प्रेरणा मिली और मैं पत्र शहीदों के परिवार को भेजने लगा।
जितेंद्र आगे बताते हैं कि वह एक बार एक ऐसे आदमी से मिले थे जिसने युद्ध में अपना बेटा खोया था। उस आदमी ने बताया कि यह पत्र पाकर ऐसा लगता है जैसे मेरा बेटा मुझसे बात कर रहा है। जितेंद्र का कहना है कि जब तक वह यह कर सकते हैं, करते रहेंगे।