‘मैं भारत का नागरिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के लिए बधाई देता हूं। मैं और मेरा परिवार इस कानून का समर्थन करता है।’ गुजरात के अहमदाबाद में एक निजी स्कूल के छात्रों से बीते मंगलवार (7 जनवरी, 2019) को एक पोस्टकार्ड पर पीएम मोदी को यह संदेश लिखने के लिए कहा गया। हालांकि बुधवार को छात्र परिजनों के भारी विरोध के चलते स्कूल प्रशासन ने इसके लिए माफी मांगी और इसे गलतफहमी करार दिया। पोस्टकार्ड छात्रों के परिजनों को लौटा दिए गए। घटना गर्ल्स लिटिल स्टार स्कूल की है, जो कि अहमदाबाद के कनकारिया क्षेत्र में गुजरात माध्यमिक और उच्च शिक्षा बोर्ड से संबद्ध है।

छात्राओं के परिजनों के मुताबिक मंगलवार को क्लास में शिक्षकों ने ब्लैकबोर्ड पर सीएए के लिए पीएम मोदी को धन्यवाद देने वाला संदेश लिखा। क्लास में मौजूद सभी छात्राओं से कहा गया कि वो इसे अपनी कॉपी में लिखें और इन पोस्टकार्ड्स को पीएमओ के पते ‘साउथ ब्लॉक सचिवालय भवन, रायसीना हिल्स, नई दिल्ली’ में अपने घर के पते से भेजें।

स्कूल में कक्षा दस की छात्राएं जोकि अपनी प्रीबोर्ड की परीक्षाओं की तैयारियों में जुटी हैं, उन्हें भी इन्हीं बधाई संदेशों की फोटो कॉपी दी गई। एक छात्रा के पिता ने बताया, ‘मेरी बेटी छठी कक्षा में पढ़ती है और मुझे मंगलवार को पता चला की उसकी टीचर ने दसवीं क्लास तक के सभी बच्चों से सीएए पर पीएम मोदी को बधाई संदेश देने वाला पोस्टकार्ड लिखने को कहा। मेरी बेटी नहीं जानती कि मुद्दा क्या है, मगर उसे इन सब का हिस्सा बनाने के लिए मजबूर किया जा रहा है। हमें यह मंजूर नहीं है।’

इसी तरह एक स्टूडेंट के परिजन ने कहा, ‘दसवीं क्लास के छात्र अभी अपनी इंटरनल परीक्षा में उपस्थित हो रहे हैं। उनसे भी इसी तरह के पोस्टकार्ड लिखने को कहा गया। जब इसका विरोध किया गया तो छात्राओं को धमकी दी गई कि जो सीएए के समर्थन में पोस्टकार्ड नहीं भेजेगा उन्हें इंटरनल एग्जाम में नंबर नहीं मिलेंगे। इसमें निवास स्थान का उल्लेख करने का मकसद क्या है, वो भी परिजनों की बिना अनुमति के?’

उल्लेखनीय है कि बुधवार दोपहर बाद दर्जनों छात्राओं के माता पिता स्कूल संचालक के पास पहुंचे और उन्होंने बच्चों से जबरन सीएए के समर्थन में पोस्टकार्ड लिखवाने के खिलाफ प्रदर्शन किया। जिसके बाद स्कूल प्रशासन ने परिजनों से इसके लिए माफी मांगी और कहा कि ऐसा गलतफहमी की वजह से हुआ। परिजनों को सीएए के समर्थन में लिखे पोस्टकार्ड भी लौटा दिए गए।

मामले में जब स्कूल प्रशासन से संपर्क किया गया तो उन्होंने इस बात से इनकार किया कि किसी राजनीतिक पार्टी के दबाव में आकर छात्राओं से सीएए के समर्थन में पोस्टकार्ड लिखवाए गए। स्कूल के ट्रस्टी और मालिक जिनेश परसराम ने कहा, ‘मामला सुलझा लिया गया है। यह कुछ शिक्षकों द्वारा अधिकारियों के दुरुपयोग का मामला था, जिन्होंने मेरी जानकारी के बिना मंगलवार को कुछ कक्षाओं में ऐसा किया गया। हमने परिजनों को सीएए के समर्थन वाले पोस्टकार्ड लौटा दिए हैं। बता दें कि स्कूल में नर्सरी से कक्षा दस तक करीब 1,200 छात्र पढ़ते हैं।