गुजरात के कई इलाकों में बिपरजॉय तूफान आने को लेकर लोग पहले से ही परेशान हैं। समुद्र तटीय इलाकों से लोग हटाये जा रहे हैं। इस बीच चक्रवात आने की संभावित तिथि से एक दिन पहले बुधवार की शाम करीब पांच बजे कच्छ क्षेत्र में 3.5 तीव्रता का भूकंप आया। इससे लोगों में हड़कंप मच गया। चक्रवात के गुरुवार (15 जून) को आने की आशंका है। यह अरब सागर के ऊपर उत्तर-पश्चिम की तरफ बढ़ते हुए शाम तक गुजरात के जखाऊ बंदरगाह के पास से गुजरेगा। बुधवार को ही जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ इलाके में भी भूकंप के झटके महसूस किये गये। इसकी तीव्रता 3.4 रही।
मौसम विभाग के मुताबिक राज्य के सौराष्ट्र, द्वारका और कच्छ के समुद्र तटीय क्षेत्र में रहने वाले लोगों को अलर्ट कर दिया गया है। चक्रवात और तूफान की तेजी काफी ज्यादा रहने की आशंका है। इस दौरान भारी बारिश होने की भी आशंका है। केंद्र सरकार स्थिति पर लगातार नजर रखे हुए है। कच्छ, द्वारका समेत राज्य के कई हिस्सों में अफरातफरी का माहौल है। प्रभावित इलाकों में अस्पतालों में चौबीस घंटे डॉक्टरों की मौजूदगी और बेड खाली रखने के निर्देश दिये गये हैं।
राष्ट्रीय आपदा बचाव दल की कई टीमें तैनात
हालात से निपटने के लिए राष्ट्रीय आपदा बचाव दल (NDRF) की टीमों को तैनात किया गया है। इसमें कच्छ में 4, द्वारका और राजकोट में 3-3, जामनगर में 2 और पोरबंदर में एक टीम को तैनात किया गया है।
कच्छ में मांडवी समुद्र तट पर चक्रवात के मद्देनजर समुद्र के निकट सभी गतिविधियों को निलंबित कर दिया गया है। चक्रवात को लेकर कांडला बंदरगाह पर सभी परिचालन बंद कर दिए गए हैं।
सेना की ओर से बताया गया है कि एचएडीआर ब्रिक्स लगे भारतीय नौसेना के चार जहाज शॉर्ट नोटिस पर स्टैंडबाय पर रखे गये हैं। पोरबंदर और ओखा में पांच-पांच राहत दल और वलसुरा में 15 राहत दल सिविल अधिकारियों को सहायता देने के लिए तैयार हैं। गुजरात के लिए नौका पर सवार होने के लिए गोवा में आईएनएस हंसा और मुंबई में आईएनएस शिकरा पर हेलोस तैयार हैं।
