गुजरात के एक गांव में शराब पीकर पकड़े जाने पर पूरे गांववालों को ‘मटन पार्टी’ देनी पड़ती है। गांववालों ने तय किया है कि अगर कोई भी शख्स शराब पीकर हुड़दंग करता पकड़ जाए तो उससे ‘मटन पार्टी’ ली जाए। यह फैसला बनासकां स्थित अमीरगढ़ तालुका के आदिवासी गांव खटीसिटारा की पंचायत ने लिया है। पंचायत ने तय किया है कि अगर कोई भी शख्स शराब पीकर और हंगामा करते हुए पकड़ा जाता है तो उसे पूरे गांव को मटन करी और बाती खिलानी होगी।
दरअसल बात 2013-14 की है गांव में शराबियों की हुड़दंग और क्राइम के बढ़ती दर से परेशान गांववालों को यह आइडिया सूझा तो उन्होंने इस पर अमल करने की ठान ली। गांव के सरपंच खिमजी डुंगैसा कहते हैं ‘अगर किसी को नशे में पकड़ा जाता है तो उस पर 2,000 रुपए का जुर्माना लगाया जाता है। अगर किसी शराबी को हंगामा करते हुए पाया जाता है, तो जुर्माना 5,000 रुपए जुर्माना तय है। इसके अलावा, उसे 750-800 लोगों के गांव में ‘बोकडु’ की दावत देनी होती है या फिर बाटी के साथ मटन करी। इसमें 20,000 रुपये से ऊपर की लागत आती है।’
टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी एक खबर के मुताबिक इस फैसले का असर अब तक बेहद सकारात्मक रहा है। गांववालों के मुताबिक शुरुआती सालों में सिर्फ तीन से चार लोग ही शराब पीकर पकड़े जाते थे। वहीं 2018 में तो सिर्फ एक शख्स को ही पकड़ा गया। वहीं 2019 में तो एक भी शख्स शराब पीकर नहीं पकड़ गया।
सरपंच डुंगैसा ने आगे बताया ‘शराब पीकर पकड़े जाने वाले आखिर शख्स का नाम नानजी डुंगैसा था जो कि किसी दूसरे गांव से हमारे यहां आया था। वहीं हमारे पड़ोसी गांव उपाला में तो लोगों ने राजस्थान से शराब खरीदना लगभग बंद ही कर दिया है।