गुजरात में पटेल समुदाय के लिए आरक्षण आंदोलन चलाने वाले हार्दिक पटेल ने मंगलवार को पुलिस को उस समय चकमा दे दिया जब उसने उन्हें अरवली जिले के एक गांव में बिना पूर्व अनुमति के एक जनसभा आयोजित करने के लिए गिरफ्तार करने का प्रयास किया।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हार्दिक की ओर से तेनपुर गांव में एक सभा को संबोधित किये जाने के बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार करने का प्रयास किया लेकिन वह एक वाहन में भाग गए।
पुलिस महानिरीक्षक हसमुख पटेल ने कहा कि हार्दिक ने बिना पूर्व अनुमति के आज बायद तालुका के तेनपुर गांव में एक जनसभा का आयोजन किया। जब हमें उसके बारे में पता चला, हमारी पुलिस टीम उन्हें गिरफ्तार करने के लिए वहां गई लेकिन वह गिरफ्तारी से बचने के लिए वहां से भाग गए।
उन्होंने कहा कि घटना के बाद पुलिस ने गांधीनगर, साबरकांठा और अरावली जिलों में बैरिकेट लगाये हैं और उन्हें गिरफ्तार करने के लिए क्षेत्र में तलाशी अभियान तेज कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि हार्दिक को रात में गिरफ्तार किया जा सकता है।
अधिकारी ने कहा कि हमने उन्हें सभा के दौरान गिरफ्तार नहीं किया क्योंकि हम वहां मौजूद स्थानीय लोगों के साथ टकराव नहीं चाहते थे।
पुलिस महानिरीक्षक हसमुख पटेल ने घटना के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि बैठक के बाद हमने उनके (हार्दिक समर्थकों) चार वाहनों को रोका लेकिन उनमें से दो वाहनों ने यूटर्न लिया और भाग गए। उन वाहनों में से एक में हार्दिक पटेल भी थे।
उन्होंने बताया कि पुलिस ने हार्दिक पटेल को गिरफ्तार करने के लिए आसपास के क्षेत्रों की घेराबंदी कर दी है। वह (हार्दिक) यहां से वहां भाग रहे हैं। अधिकारी ने कहा कि हमारे पास सूचना है कि वह अरवली या पड़ोसी साबरकांठा जिले के गांवों से यहां वहां भागने का प्रयास कर रहे हैं। वह अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए इधर उधर भाग रहे हैं। उन्होंने बताया कि हार्दिक के खिलाफ अवैध रूप से सभा करने का मामला दर्ज किया जाएगा।
पुलिस महानिरीक्षक ने कहा कि उन्हें (हार्दिक) पूर्व अनुमति के बिना अवैध रूप से जनसभा करने के लिए गिरफ्तार किया जाएगा। पाटीदार अनामत आंदोलन समिति (पीएएएस) के सदस्य केतन पटेल ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि हार्दिक कहां हैं।
उन्होंने कहा कि पुलिस ने पहले जनसभा स्थल से हमारा पीछा किया और कुछ दूरी के बाद पुलिस के एक वाहन ने हमारे एक वाहन को रोक लिया लेकिन हम किसी तरह वहां से भाग गए। मुझे हार्दिक और अन्य की स्थिति के बारे में जानकारी नहीं है कि वे फिलहाल कहां हैं।
इस बीच हार्दिक के नजदीकी सहयोगी चिराग पटेल ने कहा कि पीएएएस ने जनसभा के लिए अनुमति के लिए आवेदन दिया था लेकिन पुलिस ने अनुमति देने से इनकार कर दिया।
चिराग ने कहा कि यह लोकतंत्र की हत्या है क्योंकि हमें उन लोगों के लिए शांतिपूर्ण जनसभा नहीं करने दी जा रही जिनकी हाल की हिंसा के दौरान मौत हो गई थी।
हार्दिक को गत 19 सितम्बर को सूरत शहर में गिरफ्तार किया गया था जब उन्होंने अनुमति के बिना ही एकता यात्रा निकालने का प्रयास किया था। उन्हें बाद में एक अदालत ने उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया था।