विवादित पूर्व आईपीएस ऑफिसर डीजी वंजारा को गुजरात सरकार ने रिटायरमेंट के बाद इंस्पेक्टर जनरल (आईजी) पद पर नियुक्त किया गया है। वंजारा इशरत जहां और सोहराबुद्दीन एनकाउंटर केस में आरोपी रहे हैं। हालांकि कोर्ट ने दोनों ही मामलों में उन्हें बरी कर दिया था। वंजारा 8 साल तक जेल में रहे। इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक वह सितंबर 2007 से पेंशन और वेतन बकाए के हकदार हैं।
गुजरात सरकार के गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव की तरफ से वंजारा के प्रमोशन से जुड़ा नोटिफिकेशन ऑर्डर भी जारी किया गया है जिसमें उनकी पोस्ट और वेतन के संबंध में जानकारी दी गई है। 1987 बैच के आईपीएस अधिकारी वंजारा 31 मई 2014 में पुलिस उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) के पद से रिटायर हुए थे। सोहराबुद्दीन शेख के कथित फर्जी मुठभेड़ मामले में गिरफ्तारी के बाद मई 2007 में उन्हें राज्य सरकार ने निलंबित कर दिया था। इसके बाद उन्हें इशरत जहां केस में भी आरोपी बनाया गया था।
पूर्व आईपीएस अधिकारी को बाद में विशेष सीबीआई अदालतों द्वारा दोनों मामलों में बरी कर दिया गया, सबसे पहले अगस्त 2017 में सोहराबुद्दीन शेख और फिर पिछले साल मई में इशरत जहां मामले में। गुजरात सरकार की ओर से दोनों अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति सीबीआई को नहीं मिलने के बाद वंजारा और अमीन ने आरोपमुक्त करने की अर्जी दी थी।
बता दें कि 2004 में अहमदाबाद सिटी डिटेक्शन ऑफ क्राइम ब्रांच (डीसीबी) ने इशरत जहां और उसके दो सहयोगियों का एनकाउंटर कर दिया था। क्राइम ब्रांच की अगुआई डीसीपी डीजी वंजारा कर रहे थे। एनकाउंटर के बाद कहा गया था कि जिनका एनकाउंटर किया गया उनके संबंध आतंकवादी संगठन लश्कर ए तैयबा से थे और वह तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या की योजना बना रहे थे।
