बहुप्रतीक्षित गुड्स एंड सर्विसेज टैक्‍स बिल राज्‍य सभा से पास हो गया। पास होने के लिए जरूरी दो तिहाई वोटों की जगह वोट डालने वाले सभी 197 सांसदों ने पक्ष में वोट डाला। ध्वनि मत से पास होने के बाद बिल को नंबर वोटिंग के भी बहुमत से पास कर लिया गया। इससे पहले राज्यसभा में जीएसटी बिल पर लंबी चर्चा हुई। इस चर्चा पर अलग-अलग पार्टियों ने अपना विचार रखे। चर्चा के दौरान तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन ने विधेयक का समर्थन करते हुए इस विधेयक के संबंध में कांग्रेस और भाजपा दोनों के रुख पर चुटकी ली। उन्होंने कहा कि दोनों दलों ने जिस तरह से विगत 10 वर्षो से जीएसटी को लेकर खेल किये हैं उसके लिए उन्हें ओलम्पिक मेडल मिल सकता था। दोनों दलों के नेताओं की जीएसटी के संबंध में की गई टिप्पणियों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि लोगों का बयान इस बात पर निर्भर करता है कि वे सत्ता पक्ष में बैठे हैं अथवा विपक्ष में। बिल के पास होते ही बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने जेटली का मुंह मीठा कराया। इस दौरान सभी बीजेपी नेताओं ने एक दूसरे के साथ खुशीखबरी का इजहार किया।

बिल का जद.यू के शरद यादव ने विधेयक का समर्थन किया और कहा कि कई तरह के कर कानून होने के कारण भ्रष्टाचार बढ़ता है और जीएसटी के आने से यह कम होगा।  गौरतलब है कि इस विधेयक के संबंध में आम सहमति कायम करने में उनकी भी भूमिका रही है। माकपा के सीताराम येचुरी ने कहा कि कुछ कर लगाने का अधिकार राज्यों पर भी छोड़ा जाना चाहिए था। उन्होंने राज्यों के अधिकारों की रक्षा पर विचार करने का आश्वासन देने की मांग की।  येचुरी ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिये कि जीएसटी के कारण कमजोर तबके के लोग प्रभावित न हों। उन्होंने कहा कि अगर जीएसटी की सीमा को तय नहीं किया जाता तो यह आगे बढ़ता जायेगा जिसका बोझ विशेष तौर पर गरीबों पर होगा।

उन्होंने कहा कि जीएसटी विधेयक का अंतिम लक्ष्य आम जनता का हित होना चाहिये।बीजद के ए वी सिंह देव ने विधेयक का समर्थन करते हुए कहा कि बाजारों की विविधताओं को एक करने के लिए इस तरह का विधेयक जरूरी है।उन्होंने कहा कि ओडिशा जैसे खनिज सम्पन्न राज्य को अपने यहां हरित कर लगाने की अनुमति दी जानी चाहिये। इसके अलावा तम्बाकू और तम्बाकू के उत्पादों पर भी कर लगाने की अनुमति प्रदेश सरकार को होनी चाहिये। उन्होंने जीएसटी परिषद में केन्द्र सरकार के वीटो के अधिकार पर आपत्ति जताईऔर कहा कि यह एकपक्षीय संतुलन की स्थिति होगी।