भारत ने संचार उपग्रह जीसैट 30 को सफलतापूर्वक अंतरिक्ष की कक्षा में स्थापित कर दिया है। यह प्रक्षेपण यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी एरियानेस्पेस द्वारा शुक्रवार सुबह करीब 2 बजकर 35 मिनट पर फ्रेंच गुआना स्पेस सेंटर से किया गया। यूरोपीय स्पेस एजेंसी द्वारा अपने एरियन 5 रॉकेट द्वारा यह प्रक्षेपण किया गया।
जीसैट-30 के लॉन्च से देश में दूरसंचार सेवाएं बेहतर हो सकेंगी। अपनी लॉन्चिंग के 38 मिनट बाद सैटेलाइट पृथ्वी की कक्षा में स्थापित हो गई। 3,357 किलो वजनी जीसैट-30 इनसैट-4ए की जगह लेगा, जिसका सेवाकाल पूरा हो चुका है। जीसैट-30 ना सिर्फ इनसैट-4ए का काम करेगा, बल्कि और बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराएगा।
यह उपग्रह उच्च गुणवत्ता वाली टेलीविजन सेवाएं, दूरदराज इलाको में दूरसंचार एवं प्रसारण सेवाएं मुहैया, और डिजिटल न्यूज संबंधी सुविधाएं मुहैया कराएगा। जीसैट-30 का सेवाकाल 15 साल के लिए होगा। जीसैट पेलोड को इस खास तरह से डिजाइन किया गया है कि वह स्पेसक्राफ्ट के ट्रांसपोंडर्स की संख्या के अधिकतम कर सके।
इसरो के यूआर राव सैटेलाइट सेंटर के डायरेक्टर पी.कुन्हीकृष्णन और लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम सेंटर के डायरेक्टर वी. नारायणन लॉन्चिंग के दौरान फ्रेंच गुयाना स्पेस सेंटर में मौजूद रहे। जीसैट-30 की सफलतापूर्वक लॉन्चिंग पर इसरो के चेयरमैन के.शिवन ने कहा कि ‘जीसैट-30, इनसैट-4ए को रिप्लेस करेगा और कई कम्यूनिकेशन सेवाएं मुहैया कराएगा। यह डीटीएच सेवाएं, डिजीटल न्यूज और Ku-band संबंधी कम्यूनिकेशन सेवाएं देगा।’
जीसैट-30 साल 2020 का इसरो का पहला लॉन्च है। इसके साथ ही यूरोपीय स्पेस एजेंसी एरियानेस्पेस का भी यह पहला ही लॉन्च है। खास बात ये है कि यूरोपीय स्पेस एजेंसी के जिस प्रक्षेपण यान एरियन 5 से जीसैट 30 को लॉन्च किया गया है, उसका पहली बार 2019 में लॉन्च किया गया, तब भी इससे भारतीय सैटेलाइट को ही लॉन्च किया गया था।
फ्रांस की स्पेस एजेंसी एरियानेस्पेस स्पेस एजेंसी और भारत के बीच अंतरिक्ष के क्षेत्र में काफी पुराना सहयोग रहा है। एरियाने फ्लाइट L03 से 1981 में पहली बार भारत के APPLE सैटेलाइट को लॉन्च किया गया था। अभी तक एरियानेस्पेस एजेंसी भारत की 23 सैटेलाइट्स का सफलतापूर्वक लॉन्च कर चुकी है।