मणिपुर के ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री खेमचंद युमनाम (Yumnam Khemchand) के अति सुरक्षित आवास के पास चीन में बने हैंड ग्रेनेड से किए गए हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के एक जवान सहित दो लोग घायल हो गए। पुलिस ने रविवार को यह जानकारी दी। पुलिस के मुताबिक, हमला वेस्ट इंफाल जिले के युमनाम लेइकई में शनिवार रात करीब साढ़े दस बजे हुआ। सीआरपीएफ जवान की तैनाती मंत्री के आवास पर थी। उसके एक हाथ में छर्रे लगे हैं। अभी तक किसी भूमिगत संगठनों की ओर से कोई दावा नहीं किया गया है। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और जांच जारी है।

हथगोला मुख्य द्वार से कुछ दूरी पर गिरा

पुलिस ने बताया कि मोटरसाइकिल पर आए दो हमलावरों ने इस घटना को अंजाम दिया। यह हथगोला मंत्री के आवास के मुख्य द्वार से कुछ मीटर की दूरी पर गिरा। पुलिस के अनुसार, हमले में घायल सीआरपीएफ जवान की पहचान दिनेश चंद्र दास के रूप में हुई है और वह पश्चिम बंगाल का रहने वाला है। पुलिस के मुताबिक जवान के हाथ में चोट आई है।

सीएम ने घटनास्थल का दौरा किया

पुलिस के मुताबिक, हमले में एक महिला भी घायल हुई है और उसके दाएं पैर में चोट आई है। युमनाम राज्य सरकार में ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री हैं। मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने घटनास्थल का दौरा किया और हमले की निंदा की।

खेमचंद मणिपुर के उन मंत्रियों में से एक हैं, जिन्होंने मैतेई और कुकी उग्रवादियों के बीच जारी संघर्ष पर अपना रुख स्पष्ट करने के लिए दिल्ली में मणिपुर के युवाओं के प्रतिनिधियों के साथ चार घंटे की बैठक में भाग लिया था। पुलिस ने मंत्रियों और अधिकारियों के आवासों के आसपास के इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी है। समाज कल्याण मंत्री नेमचा किपगेन ने स्पीकर को लिखे पत्र में कहा कि वह विधानसभा के विशेष सत्र में शामिल नहीं हो सकेंगी क्योंकि उनका सुरक्षा कवर पर्याप्त नहीं है।

मुख्यमंत्री के एक सलाहकार पर हाल ही में हमला हुआ था और उन्हें दिल्ली के एक अस्पताल में इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई थी। बहरहाल मंत्री के आवास पर हमले को लेकर सतर्कता बढ़ा दी गई है।

बिना मंजूरी के जिलों के नाम बदलने वालों के खिलाफ होगी कार्रवाई

मणिपुर सरकार ने मंजूरी लिए बिना जिलों और संस्थानों के नाम बदलने के खिलाफ एक अधिसूचना जारी की है, जिसमें कहा गया है कि इस तरह का कदम समुदायों के बीच संघर्ष की स्थिति पैदा कर सकता है तथा कानून-व्यवस्था की मौजूदा स्थिति को बिगाड़ सकता है। अधिसूचना में कहा गया है कि यदि किसी को दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करते पाया गया, तो उसके खिलाफ संबंधित कानूनों के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

मुख्य सचिव विनीत जोशी की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक, ‘‘राज्य सरकार की मंजूरी के बिना कोई भी जानबूझकर जिलों, उप-मंडलों, स्थानों, संस्थानों के नाम बदलने का कार्य नहीं करेगा या करने का प्रयास नहीं करेगा…।’’ इसमें कहा गया है, ‘‘मणिपुर सरकार को विश्वसनीय सूत्रों से पता चला है कि नागरिक समाज से जुड़े कई संगठन, संस्थान, प्रतिष्ठान और व्यक्ति जानबूझकर जिलों का नाम बदल रहे हैं या नाम बदलने की कोशिश कर रहे हैं… जो आपत्तिजनक है। इससे राज्य में रहने वाले समुदायों के बीच विवाद और संघर्ष की स्थिति पैदा हो सकती है। खासतौर पर कानून-व्यवस्था के समक्ष मौजूद वर्तमान संकट के मद्देनजर…।’’