विदेशों से गलत तरीके से धन हासिल करने के आरोप में लाइसेंस निलंबन का सामना कर रही ग्रीनपीस इंडिया ने आरोप लगाया है कि सरकार इस तरह के आरोपों की आड़ में देश में उसके अभियानों को बंद करना चाह रही है। दूसरी ओर केंद्र सरकार ने इन आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि एनजीओ की ‘शरारत’ के कारण कार्रवाई की गई।
गृह मंत्रालय ने विदेशों से पैसा हासिल करने के लिए पिछले हफ्ते ग्रीनपीस इंडिया का लाइसेंस अस्थायी तौर पर निलंबित कर दिया था और विदेशी चंदा नियामक कानून (एफसीआरए) के उल्लंघन के लिए संगठन को कारण बताओ नोटिस जारी किया था।
एनजीओ ने मंगलवार को बयान जारी कर कहा- गृह मंत्रालय की कार्रवाई दर्शाती है कि एफसीआरए का उल्लंघन सरकार के लिए एनजीओ के पूरे अभियान को बंद करने का ढका-छिपा प्रयास है। ग्रीनपीस इंडिया को करीब 70 फीसद पैसा भारतीयों से मिलता है और गृह मंत्रालय ने आदेश दिया कि इस धन पर भी रोक लगाई जाए। जबकि एफसीआरए अधिनियम 2010 में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है।
ग्रीनपीस इंडिया के कार्यकारी निदेशक समित एच ने कहा कि संगठन पूरी प्रक्रिया का पालन करेगा और एफसीआरए उल्लंघन के गृह मंत्रालय के दावे का जवाब देगा और मामले को कोर्ट में ले जाएगा।
संगठन ने दावा किया कि सरकार ने हमारे घरेलू खाते को भी रोक दिया है और स्वच्छ हवा, स्वस्थ जंगल, कीटाणुनाशक मुक्त भोजन के लिए हमारे कार्यों से आम भारतीयों को महरूम कर रही है। इससे यह जाहिर होता है कि उनका असल मकसद विदेशी धन तक हमारी पहुंच को रोकना नहीं, बल्कि हमारे अभियान को पूरी तरह बंद कर देना है।
गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ग्रीनपीस इंडिया के दो ऐसे खातों को बंद किया गया है जिसमें विदेशों से पैसा आता था और उसका इस्तेमाल होता था। इसके अलावा पांच अन्य खाते बंद किए गए हैं जिनका इस्तेमाल विदेशी चंदा ‘अवैध’ रूप से रखने के लिए होता था।
अधिकारी ने बताया कि एनजीओ की गतिविधियों पर रोक इसकी शरारतों के कारण लगाई गई, क्योंकि वे पांच खातों का उपयोग कर रहे थे, जिनमें विदेशी धन का अवैध रूप से स्थानांतरण किया जाता था। हमने इन सभी खातों पर रोक लगा दी है।
अधिकारी ने कहा चूंकि ग्रीनपीस इंडिया के सात खाते रोके गए, इसलिए इस प्रक्रिया में एक या दो ऐसे खाते बंद कर दिए गए होंगे जिसमें घरेलू चंदा आता होगा। अधिकारी ने कहा कि हम इसमें कुछ नहीं कर सकते क्योंकि हमने संबंधित दस्तावेजों की जांच पड़ताल और उनके कामकाज में खामियां पाने के बाद सभी सात खाते रोके हैं।
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