देश में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं में मरने वालों की संख्या में कमी लाने के उद्देश्य से भारतीय सड़क सुरक्षा अभियान और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय देश भर के कॉलेजों में ‘आइसेफ-17’ चुनौती शुरू करने जा रहा है। नौ महीने की इस चुनौती के दौरान मंत्रालय की ओर से कॉलेजों को 50 लाख रुपए तक की राशि इनाम में दी जाएगी। कॉलेज 1 सितंबर तक आॅनलाइन पंजीकरण करा सकते हैं। आइआइटी दिल्ली में राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) के तहत भारतीय सड़क सुरक्षा अभियान की कई साल पहले शुरुआत हुई थी। इसमें दिल्ली और देश भर के कई कॉलेज शामिल हुए थे। फिलहाल इससे आइआइटी दिल्ली के वर्तमान और पूर्व छात्र जुड़े हुए हैं। इंडियन रोड सेफ्टी कैंपेन के अध्यक्ष अमर श्रीवास्तव (आइआइटी के विद्यार्थी) ने बताया कि भारत में मौत की दूसरी सबसे बड़ी वजह सड़क दुर्घटनाएं हैं। इन मौतों को कम करने के उद्देश्य से हमने मंत्रालय के साथ मिलकर ‘आइसेफ-17’ चुनौती की शुरुआत की है। इस चुनौती का उद्देश्य 2020 तक सड़क पर होने वाली मौतों के आंकड़ों को आधा करना है। इसका विधिवत उद्घाटन 19 अगस्त को आइआइटी दिल्ली से होगा।

अमर ने बताया कि इस चुनौती के तहत कॉलेजों के विद्यार्थी कॉलेज और अपने आसपास के इलाकों में न सिर्फ सड़क सुरक्षा के संबंध में जागरूकता फैलाएंगे बल्कि उन्हें सड़क दुर्घटनाओं को राकेने के लिए कुछ नए कानून का प्रारूप, सड़कों या गाड़ियों के डिजाइन में बदलाव के सुझाव आदि देंगे। इसी के आधार पर सभी कॉलेजों का आकलन होगा। अमर के मुताबिक कॉलेजों को अपने कार्य की रिपोर्ट हर महीने आॅनलाइन देनी होगी। इसके अलावा हर तीसरे महीने में कॉलेजों की प्रगति रिपोर्ट के आधार पर शीर्ष तीन कॉलेजों को पुरस्कृत किया जाएगा। नौ महीने बाद अंतिम रूप से तीन कॉलेजों को पुरस्कृत किया जाएगा। इस अभियान में मंत्रालय के अलावा दिल्ली पुलिस और अन्य राज्यों की पुलिस भी सहयोग देगी।

