प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत बुधवार को सरकार ने छह करोड़वां मुफ्त एलपीजी गैस कनेक्शन जारी किया। इस योजना का लक्ष्य देश के हर घर में स्वच्छ रसोई ईंधन पहुंचाना है जो अपने तय कार्यक्रम से आगे चल रही है। उपराष्ट्रपति एम. वैंकेया नायडू ने राजधानी दिल्ली के खानपुर इलाके की शिवपार्क निवासी जस्मिन खातून को योजना के तहत मुफ्त एलपीजी गैस कनेक्शन के दस्तावेज सौंपे। योजना को एक मई 2016 को शुरू किया गया था। इसके तहत मार्च 2019 तक पांच करोड़ गैस कनेक्शन देने का लक्ष्य रखा गया था। बाद में लक्ष्य बढ़ाकर 2021 तक आठ करोड़ निशुल्क गैस कनेक्शन देने और अब हर घर को एक गैस कनेक्शन उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है। इस अवसर पर नायडू ने कहा कि यह ‘संभवत: दुनिया का सबसे बड़ा गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम’ है। उन्होंने कहा कि सरकार के प्रयासों से प्रदूषण फैलाने वाले लकड़ी के चूल्हों के स्थान पर गैस कनेक्शन दिये जाने से लगभग 90 प्रतिशत आबादी के पास एलपीजी कनेक्शन पहुंचा है जबकि मई 2014 में मात्र 55 प्रतिशत आबादी ही इसके दायरे में थी।

पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि योजना के लाभार्थियों में से करीब 23 करोड़ सिलेंडर का रीफिल कराया गया है यानी औसतन हर किसी ने 14.2 किलोग्राम के चार सिलेंडर भराए हैं।यह अपने आप में उन आलोचनाओं को दरकिनार करता है जिनमें कहा गया कि पहले मुफ्त एलपीजी कनेक्शन के बाद परिवारों ने वापस लकड़ी या अन्य ईंधन साधनों का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया। योजना के तहत मुफ्त गैस कनेक्शन देने के लिए सरकार सार्वजनिक क्षेत्र की ईंधन खुदरा कंपनियों को प्रति कनेक्शन 1600 रुपये की सब्सिडी देती है। इस राशि में सिलेंडर का गारंटी शुल्क और कनेक्शन लगाने का शुल्क शामिल है। गैस चूल्हा और भरे सिलेडर का दाम ग्राहक को देना होता है।

सरकार ने पिछले महीने ही प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना का दायरा बढ़ाते हुये सभी गरीब परिवारों को इसके दायरे में लाने का एलान किया। एचपीसीएल के दिल्ली क्षेत्र के निदेशक सुशील कुमार राय ने बताया कि अब योजना की पात्रता में 14 बिंदु और जोड़े गये हैं। पिछले साल इसमें एससी, एसटी परिवारों, प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थियों, अंत्योदय अन्न योजना और अति पिछड़ा वर्ग सहित सात श्रेणियों को शामिल किया गया था।