Kiren Rijiju in Rajya Sabha : कानून मंत्री किरेन रिजिजू (Kiren Rijiju) ने राज्यसभा (Rajya Sabha) में कॉलेजियम प्रणाली (Collegium system) को लेकर एक बयान दिया है। राज्यसभा (Rajya Sabha) में प्रश्नकाल के दौरान के एक प्रश्न के उत्तर में किरेन रिजिजू (Kiren Rijiju) ने कहा कि सरकार को कॉलेजियम प्रणाली (Collegium system) में पारदर्शिता, निष्पक्षता और सामाजिक विविधता की कमी पर अलग-अलग सोर्स से सुझाव प्राप्त हुए है।
किरेन रिजिजू (Kiren Rijiju) ने कहा कि सरकार ने उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) और उच्च न्यायालयों (High Courts) में न्यायाधीशों की नियुक्ति पर सुधार की ओर बढ़ रही है। किरेन रिजिजू ने कहा कि जजों की नियुक्ति को लेकर उन्हें सुधार के अनुरोध के साथ यह सुझाव प्राप्त हुए हैं।
सुधार पर काम कर रही है सरकार
कॉलेजियम प्रणाली (Collegium system) में सुधार के सुझाव का जिक्र करते हुए कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने राज्यसभा में कहा कि कॉलेजियम प्रणाली को अधिक व्यापक, आधारित, पारदर्शी, जवाबदेह और निष्पक्ष बनाने के लिए सरकार ने 13 अप्रैल, 2015 को संविधान (निन्यानवे संशोधन) अधिनियम, 2014 और राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग अधिनियम, 2014 को लागू किया था।
हालांकि दोनों अधिनियम चुनौती के बाद निरस्त कर दिए गए थे। किरेन रिजिजू (Kiren Rijiju) ने कहा कि 16 दिसंबर को उच्च न्यायालयों से प्राप्त न्यायाधीशों की नियुक्तियों के 154 प्रस्ताव सरकार की प्रक्रिया में हैं। उन्होंने बताया कि उच्च न्यायालयों में 179 रिक्तियों के लिए उच्च न्यायालय के कॉलेजियम से अभी तक सिफारिशें प्राप्त नहीं हुई हैं।
पहले भी दे चुके हैं बयान
कानून मंत्री किरेन रिजिजू (Kiren Rijiju) ने कहा कि जजों के रिक्त पदों को भरने के लिए केंद्र के पास बहुत अधिकार नहीं हैं और उसे इसके लिए कॉलेजियम द्वारा सुझाए गए नामों पर ही विचार करना होता है और सरकार नए नाम नहीं खोज सकती है। उन्होंने कहा कि 2015 में संसद के दोनों सदनों ने राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (एनजेएसी) विधेयक को सर्वसम्मति से मंजूरी दी थी और उसे दो-तिहाई राज्यों ने भी मंजूरी दी थी।
किरेन रिजिजू ने कहा था कि देश संविधान से और लोगों की भावना से चलता है और देश की संप्रभुता लोगों के पास है।