अमलेश राजू

सुप्रीम कोर्ट के सख्त आदेश के बाद भी राजधानी में खुलेआम बिक रहे तेजाब के कारण ही महिला डाक्टर को युवकों ने निशाना बनाया। पुलिसिया व्यवस्था को धता बताते हुए जिस प्रकार दिन दहाड़े राजौरी गार्डन इलाके में मंगलवार सुबह एक महिला डाक्टर पर हमला हुआ उससे दिल्ली पुलिस के होश उड़ गए हैं। बुधवार शाम तक पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर सकी। पुलिस ने इस मामले में कई बिंदुओं से जांच शुरू कर दी है।
इस तेजाबी हमले की पीड़ित के लिए ‘स्टाप एसिड अटैक कैंपेन’ से जुड़े कार्यकर्ता आंदोलन की तैयारी में जुट गए हैं। कैंपेन से जुड़े कार्यकताओं का कहना है कि कोर्ट का आदेश आने के बाद कुछ दिनों के लिए दुकानों से तेजाब गायब हो गया था लेकिन उसके कुछ ही दिनों बाद दुकानों पर फिर दिखने लगा जिसका परिणाम एक डाक्टर पर हमले के रूप में सामने है।

मंगलवार सुबह रजोरी गार्डन मुख्य बाजार में मोटरसाइकिल सवार दो लड़कों ने 30 साल की डॉक्टर अमृता कौर पर तेजाब फेंककर फरार हो गए थे। जैसे ही वह राजौरी गार्डन मेन मार्केट के पास पहुंचीं उनके साथ एक मोटरसाइकिल पर सवार दो युवक चलने लगे। करीब 50 मीटर साथ चलने के बाद एक युवक ने अमृता से उनका बैग छीन लिया और पीछे बैठे युवक ने उनके चेहरे पर दाईं ओर से तेजाब डाल दिया। वारदात के बाद बदमाश फरार हो गए। अमृता दर्द से चिल्लाने लगीं। स्थानीय लोगों ने मामले की सूचना पुलिस और परिजनों को दी।

हमले के बाद दिल्ली पुलिस के संयुक्त आयुक्त तेजिंदर लूथरा ने दावा किया था कि उनके पास आरोपियों के बारे में पुख्ता सबूत है और बहुत जल्द उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा। लेकिन बुधवार शाम तक इस मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी। पुलिस की कई टीमें इस मामले की जांच में लगी हुई हैं। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और तेजाब बिकने वाले इलाके में दबिश देकर बदमाशों की धरपकड़ अभियान शुरू कर दिया है। पुलिस इस मामले में लूटपाट, आपसी रंजिश के साथ ही एकतरफा प्रेम प्रसंग से भी मामले को जोड़ कर जांच शुरू कर पीड़ित डाक्टर के रिश्तेदार, उनके साथ काम करने वाले मौजूदा डाक्टर और पूर्व में काम कर चुके पुरुष डाक्टरों से भी पूछताछ कर रही है।

उधर स्टाप एसिड अटैक कैंपेन के कार्यकर्ता चेतन गुप्ता ने कहा है कि तेजाब की बिक्री करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। हमारी मांग है कि इस मामले में जल्द से जल्द गिरफ्तारी के साथ ही समयबद्ध तरीके से मामले का निपटारा हो ताकि पीड़िता को इंसाफ मिल सके। बुधवार को भी सदस्यों ने घटना स्थल के आसपास कैंडल मार्च निकाला। इसमें तेजाब पीड़ितों ने हिस्सा लिया। इन लोगों आरोपियों को जल्द पकड़ कर सजा की मांग की।

मेन मार्केट राजौरी गार्डन से शुरू हुआ मार्च एक किलोमीटर के इलाके में निकाला गया। संगठन का मानना है कि विभिन्न राज्यों में लड़कियों पर तेजाब से हमले किए जा रहे हैं। लेकिन इसे रोकने के लिए प्रशासन का रवैया उदासीन है। न तो तेजाब की बिक्री नियंत्रित करने के लिए सरकार कुछ कर रही है और न ही तेजाब पीड़ितों को जल्द न्याय दिलाने के लिए कोई कदम उठाए जा रहे हैं। दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में खुलेआम तेजाब की बिक्री की जा रही है। ऐसा करने वाले दुकानदारों के खिलाफ कोई कारर्वाई नहीं की जा रही है। उन्होंने कहा कि हाल ही में हमने तेजाब की बिक्री पर रोक लगाने की मांग को लेकर जंतर-मंतर पर धरना प्रदर्शन किया था।

बुधवार को एम्स में पीड़ित डाक्टर को देखने के लिए गैर सरकारी संगठन के कार्यकर्ताओं के अलावा राजनीतिक दलों के नेताओं की भीड़ लगी रही। पर अस्पताल प्रशासन ने इन्हें बाहर से जाने कह दिया क्योंकि ज्यादा लोगों के अंदर जाने से उसे इंफेक्शन का डर है। एम्स के आरपी सेंटर में एडमिट उसका इलाज चला रहा है। डॉक्टरों की एक टीम उनका इलाज कर रही है। उनकी स्थिति नियंत्रण में है। कहा जा रहा है कि चेहरे पर कपड़े बांधे होने की वजह से एसिड का असर कम हुआ लेकिन आंख डैमेज हो गया।
एम्स के एक डॉक्टर ने कहा कि जिस प्रकार आंख में एसिड का असर हुआ है उससे विजन जाने का खतरा है क्योंकि एसिड से सेल्स जल जाते हैं। अगर विजन सेल्स जल गए होंगे तो रोशनी आना मुश्किल है लेकिन अभी यह केवल शुरुआती जांच है।