सरकार लघु बचत योजनाओं जैसे PPF (Public Provident Fund) और NSC (National Savings Certificate) पर इस माह के अंत तक ब्याज दर में कटौती कर सकती है। दरअसल इन लघु बचत योजनाओं की ब्याज दर फिलहाल बाजार के अनुरुप नहीं है, जिसके चलते बैंकों को लघु बचत योजनाओं में ब्याज के रुप में ज्यादा रकम खर्च करनी पड़ रही है। बता दें कि सरकार ने बीते जून माह में भी पीपीएफ और एनएससी पर ब्याज दर में 10 बेसिस प्वाइंट की कमी कर इसे 7.9% किया था। बैंकिंग क्षेत्र में ब्याज दरों में आ रही कमी के चलते सरकार ने यह कदम उठाया था। अब एक बार फिर यह कटौती किए जाने की संभावना है।
रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) ने बुधवार को बैंकों को निर्देश दिए हैं कि वह अपने छोटे और मझोले उद्योगों को दिए जाने वाले लोन (MSME Loan) और खुदरा मूल्य को बाहरी तत्वों जैसे रेपो रेट और ट्रेजरी बिल्स के अनुरुप करें। दरअसल आने वाले दिनों में बैंकों को ब्याज से मिलने वाले लाभ पर दबाव पड़ सकता है, जिसके चलते बैंक अपनी ब्याज दर में कटौती नहीं कर सकेंगे।
SBI बैंक ने अपनी ब्याज दर को रेपो रेट के साथ लिंक कर दिया है। हालांकि अभी यह बदलाव स्थायी नहीं है। एसबीआई के अलावा IDBI Bank ने भी अपने डिपॉजिट को रेपो रेट से जोड़ लिया है। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, एक निजी बैंक के अधिकारी के अनुसार, गिरती ब्याज दर की स्थिति में अपने डिपॉजिट को रेपो रेट के साथ लिंक करना संभव नहीं है। इसके साथ ही लघु बचत योजनाओं से भी हमारा डिपॉजिट कम हो रहा है।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि लघु बचत योजनाओं में ब्याज दर में कटौती करने की जरुरत है, लेकिन यह एक राजनैतिक फैसला है और मौजूदा दौर में सरकार के लिए यह एक मुश्किल फैसला होगा, क्योंकि आर्थिक हालात के लिए सरकार पहले ही आलोचना झेल रही है।
