Delhi High Court: दिल्ली हाई कोर्ट ने शनिवार को एक पाकिस्तानी महिला की याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया, जिसमें उसने भारत में लॉग टर्म वीज़ा के लिए आवेदन पर विचार करने के निर्देश देने की मांग की गई थी।

बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक, शीना नाज नामक महिला का विवाह एक भारतीय नागरिक से हुआ है और उसने 23 अप्रैल को लॉग टर्म वीजा के लिए आवेदन किया था।

बता दें, पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद केंद्र सरकार ने 24 अप्रैल को पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीजा सेवाएं निलंबित करने का फैसला किया और उन्हें 27 अप्रैल से पहले भारत छोड़ने का निर्देश दिया है।

इसे ध्यान में रखते हुए नाज़ ने अपने लॉग टर्म वीज़ा आवेदन पर विचार करने के लिए हाई कोर्ट में याचिका दायर की, साथ ही अपने आवासीय परमिट को निलंबित न करने का निर्देश देने का अनुरोध किया, जो 26 मार्च से 9 मई तक वैध था।

जस्टिस सचिन दत्ता ने शनिवार को विशेष सुनवाई में कहा कि सरकार का निर्णय किसी न्यायिक समीक्षा का हकदार नहीं है, क्योंकि यह निर्णय राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं के कारण लिया गया है।

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कोर्ट ने कहा कि प्रथम दृष्टया, विदेशी अधिनियम, 1946 की धारा 3(1) के तहत जारी किया गया उपरोक्त आदेश किसी न्यायिक समीक्षा की मांग नहीं करता है, क्योंकि इसे जारी करने के पीछे राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े गंभीर विचार थे। इसके लिए कोई अपवाद निकालना भी इस न्यायालय के अधिकार क्षेत्र में नहीं है।

चूंकि न्यायालय ने याचिका पर विचार करने में अपनी अनिच्छा व्यक्त की, इसलिए याचिकाकर्ता के वकील ने इसे वापस ले लिया। अदालत ने आदेश दिया कि तदनुसार याचिका वापस ली गई मानकर खारिज की जाती है। लंबित आवेदनों का भी निपटारा किया जाता है।

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