इस वर्ष मानसून का मौसम समाप्त हो गया है और चार महीने के इस मौसम में भारत में ‘सामान्य’ बारिश हुई। मौसम विभाग ने बताया है कि अक्तूबर-दिसंबर की अवधि में उत्तर पश्चिम भारत और दक्षिण प्रायद्वीपीय क्षेत्र के कई हिस्सों में सामान्य से अधिक बारिश होने का अनुमान है और देश के ज्यादातर हिस्सों में अक्तूबर में अधिकतम तापमान सामान्य या सामान्य से थोड़ा अधिक और न्यूनतम तापमान सामान्य से अधिक रह सकता है।

मौसम विभाग ने एक बयान में कहा, ‘दक्षिण पश्चिम मानसून की जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के कुछ हिस्सों से वापसी हो गई है। पूरे पंजाब और हरियाणा-चंडीगढ़-दिल्ली पश्चिम उत्तर प्रदेश, पश्चिम मध्य प्रदेश और पूर्वी राजस्थान के कुछ हिस्से और पश्चिम राजस्थान के कुछ और हिस्सों में शनिवार को इसकी वापसी हो गई है।’

मौसम कार्यालय ने कहा कि जम्मू, कश्मीर, लद्दाख, गिलगित, बाल्टिस्तान, मुजफ्फराबाद क्षेत्र, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के शेष हिस्स मध्य प्रदेश के कुछ और हिस्से राजस्थान के शेष हिस्सों और गुजरात के कुछ हिस्सों में अगले दिन से तीन दिन में मानसून की वापसी के लिए परिस्थितियां अनुकूल होती जा रही हैं।

मौसम विभाग के मुताबिक अक्तूबर से दिसंबर की अवधि में पूर्वोत्तर मानसून सामान्य रहने का अनुमान है। इसका मतलब है कि इस क्षेत्र में लंबी अवधि के औसत 334.13 मिमी. के मुकाबले 88 फीसद से 112 फीसद बारिश हो सकती है। पूर्वोत्तर मानसून के प्रभाव से दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत के पांच मौसम संबंधी उपमंडलों – तमिलनाडु, तटीय आंध्र प्रदेश, रायलसीमा, केरल और दक्षिण आंतरिक कर्नाटक में बारिश होती है।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आइएमडी) ने बताया कि बारिश का दीर्घकालिक औसत 868.6 मिलीमीटर (मिमी.) रहा है। इस बार यह आंकड़ा 820 मिमी. का रहा। विभाग ने बताया कि सकारात्मक कारकों के कारण अल नीनो देश में मानसून की बारिश को बहुत अधिक प्रभावित नहीं कर सका। दीर्घकालिक औसत (एलपीए) के 94 फीसद से 106 फीसद के बीच बारिश को सामान्य माना जाता है।

आइएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अल नीनो के प्रभाव का मुकाबला करने वाले सकारात्मक कारकों के साथ, 2023 का मानसून 94.4 फीसद बारिश दर्ज करने के साथ समाप्त हुआ, जिसे ‘‘सामान्य’’ माना जाता है। पूरे देश में मासिक बारिश जून में एलपीए का 91 फीसद, जुलाई में 113 फीसद, अगस्त में 64 फीसद और सितंबर में 113 फीसद रही।

महापात्र ने कहा, ‘मौसम संबंधी 36 उपविभागों में से तीन (कुल क्षेत्रफल का नौ फीसद) में अधिक बारिश हुई, 26 में सामान्य बारिश हुई (कुल क्षेत्रफल का 73 फीसद) और सात में कम बारिश हुई। कम बारिश वाले सात उपखंडों में नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा, गांगेय पश्चिम बंगाल, झारखंड, बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक और केरल शामिल हैं।’

मौसम विभाग ने कहा कि पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत में सामान्य 1,367.3 मिमी. की तुलना में 1,115 मिमी. बारिश दर्ज की गई, जो 18 फीसद कम है। उसने कहा कि उत्तर पश्चिम भारत में दीर्घकालिक औसत 587.6 मिमी. के मुकाबले 593 मिमी. बारिश दर्ज की गई। मध्य भारत में सामान्य बारिश 978 मिमी. के मुकाबले 981.7 मिमी. दर्ज की गई। मौसम विभाग ने कहा कि दक्षिण प्रायद्वीप में आठ फीसद की कमी दर्ज की गई। उसने कहा कि विभाग ने भारत के लिए सामान्य मानसून का अनुमान जताया था, भले ही यह सामान्य से कम हो।

इसने हालांकि आगाह किया था कि अल नीनो (दक्षिण अमेरिका के पास प्रशांत महासागर में पानी का गर्म होना) दक्षिण पश्चिम मानसून के उत्तरार्ध को प्रभावित कर सकता है। अगस्त 2023, 1901 के बाद से सबसे शुष्क महीना और भारत में अब तक का सबसे गर्म महीना दर्ज किया गया था, जिसका कारण अल नीनो की स्थिति को मजबूत करना है।

मानसून के दौरान दिल्ली में हुई 660 मिमी बारिश

जनसत्ता: दक्षिण-पश्चिम मानसून की दिल्ली से वापसी हो गई है। शहर में इस मौसम के दौरान सामान्य से अधिक बारिश हुई। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आइएमडी) ने शनिवार को यह जानकारी दी। मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली के प्राथमिक मौसम केंद्र सफदरजंग वेधशाला में मानसून मौसम (जून से सितंबर) के दौरान सामान्य 653.6 मिलीमीटर (मिमी) के मुकाबले 660.8 मिमी बारिश हुई।राष्ट्री य राजधानी में आमतौर पर मानसून 27 जून तक आता है और 25 सितंबर तक समाप्त हो जाता है। इस साल दिल्ली में 25 जून को मानसून ने दस्तक दी थी।

मौसम विभाग ने कहा कि दक्षिण पश्चिम मानसून की जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के कुछ हिस्सों से वापसी हो गई है। राष्ट्रीय राजधानी में शनिवार को अधिकतम तापमान 35.8 डिग्री सेल्सियस रहा, जो मौसम के औसत तापमान से एक डिग्री अधिक है। न्यूनतम तापमान सामान्य से एक डिग्री कम 22.6 डिग्री सेल्सियस रहा।

मौसम कार्यालय ने रविवार को मुख्य रूप से आसमान साफ रहने का अनुमान जताया है जबकि अधिकतम और न्यूनतम तापमान क्रमश: 35 और 22 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने का अनुमान है। विभाग ने कहा कि शनिवार को आर्द्रता का स्तर 81 प्रतिशत से 45 फीसद के बीच रहा। शाम 7 बजे दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआइ) 162 रहा, जो मध्यम श्रेणी में आता है। शून्य और 50 के बीच एक एक्यूआइ को अच्छा, 51 से 100 के बीच संतोषजनक, 101 से 200 के बीच मध्यम, 201 से 300 के बीच खराब, 301 से 400 के बीच बहुत खराब और 401 से 500 के बीच गंभीर माना जाता है।