आगामी 27 जनवरी को गोवा में ‘डीडी कौशाम्बी फेस्टिवल ऑफ आइडियाज’ का आयोजन होना है। खबर आयी है कि गोवा सरकार ने इस कार्यक्रम में शामिल होने वाली एक पत्रकार का प्रोफाइल और स्टैंड देखकर उनका नाम स्पीकर की सूची से हटा दिया है।
जिन पत्रकार का नाम हटाया गया है, वो फाये डिसूजा हैं जो कि टेलीविजन पत्रकारिता का जाना पहचाना नाम हैं। गोवा के कला और संस्कृति मंत्री गोविंद गवाडे ने इस पर सफाई भी दी है।
गवाडे ने बताया कि डिसूजा का नाम कार्यक्रम को ‘हंगामे’ से दूर रखने के उद्देश्य से हटाया गया है। हालांकि विपक्षी पार्टियां सरकार के इस कदम की आलोचना कर रही है और इसे असंवैधानिक बता रही हैं।
गोवा के कला एवं संस्कृति मंत्री ने बताया कि “उनका (फाये डिसूजा) का नाम शॉर्टलिस्ट था, लेकिन हमें पता चला कि वह संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ बोलने वाली हैं। कृप्या समझने की कोशिश कीजिए यह कोई छोटा या निजी इवेंट नहीं है। यह सरकारी कार्यक्रम है और हम नहीं चाहते कि इसमें कोई विवाद हो। यह हमारा फैसला है क्योंकि यह हमारा इवेंट है।”
वहीं फाये डिसूजा से जब संपर्क किया गया तो उनका कहना है कि ‘उन्होंने ही खुद इस कार्यक्रम में शामिल होने में असमर्थता जता दी थी क्योंकि उन्हें मुंबई में कुछ काम है।’ बता दें कि गोवा सरकार के कला एवं संस्कृति मंत्रालय द्वारा हर साल इस कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। शुक्रवार को कार्यक्रम में शामिल होने वाले स्पीकर्स के नामों की घोषणा की गई थी।
इस कार्यक्रम में पूर्व ओलंपिक पदक विजेता भारोत्तोलक कर्णम मल्लेश्वरी, पैरा-ओलंपिक गेम्स की मेडल विजेता दीपा मलिक और भारत की पहली महिला सरपंच और एमबीए डिग्रीधारक छवि रजावत का नाम शामिल है।
पत्रकार फाये डिसूजा को स्पीकर्स की लिस्ट से हटाए जाने के फैसले का बचाव करते हुए गोवा के कला एवं संस्कृति मंत्री ने कहा कि वह कार्यक्रम में किसी तरह का विवाद नहीं चाहते। यह एक बड़ा कार्यक्रम है। इसके साथ ही गावड़े ने कहा कि इस संबंध में ऊपर से कोई आदेश नहीं आया है। यह हमारा अंतिम फैसला है।
वहीं गोवा में कांग्रेस प्रवक्ता ट्रजानो डिमेलो ने इस मामले पर कहा कि ‘गोवा सरकार ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि यह विचारों की अभिव्यक्ति के खिलाफ है। इस बार सरकार ने स्पीकर्स की लिस्ट से फाये डिसूजा का नाम हटाकर इसे साबित किया है।’
