पब्लिक पोर्टल पर निगेटिव फीडबैक के कारण गाजियाबाद में 35 सरकारी अधिकारियों का वेतन रोक दिया गया है। अधिकारियों ने गुरुवार को बताया कि ऑनलाइन सार्वजनिक मंच, एकीकृत शिकायत निवारण प्रणाली (IGRS) पर सितंबर में नकारात्मक प्रतिक्रिया मिलने के कारण गाजियाबाद के 35 सरकारी अधिकारियों को अगले आदेश तक वेतन नहीं मिलेगा।
अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (एलए) विवेक मिश्रा ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, “जिला मजिस्ट्रेट रवींद्र कुमार मंदार ने उन अधिकारियों का वेतन रोक दिया है जिनकी आईजीआरएस पर शिकायतों के निपटान की स्पीड खराब थी और जिन्हें सितंबर में नकारात्मक प्रतिक्रिया मिली थी।” उन्हें संतोषजनक प्रतिक्रिया के लिए शिकायतों का गुणवत्तापूर्ण निपटान सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। मिश्रा ने आगे कहा, “उनके संबंधित पोर्टल पर जो भी शिकायतें प्राप्त हों उन्हें शिकायतकर्ता को मौके पर जाकर प्रक्रिया के अनुसार शिकायत का उचित निपटान करना चाहिए और उचित समाधान निकालना चाहिए।”
गाजियाबाद: डीएम ने अधिकारियों को जारी किया आदेश
डीएम ने एक लिखित आदेश भी जारी किया, जिसमें अधिकारियों को शत-प्रतिशत संतुष्टि का लक्ष्य रखने पर ज़ोर दिया गया। आदेश में कहा गया है, “काम में लापरवाही के कारण, उक्त अधिकारी शिकायतों का निवारण करने में विफल रहे हैं। उक्त अधिकारियों का यह कृत्य शासनादेश की मंशा के विपरीत है। शासन प्राथमिकता के आधार पर ज़िले की आईजीआरएस रैंकिंग की निरंतर समीक्षा कर रहा है। परिणामस्वरूप, उक्त अधिकारियों की गतिविधियां जो ज़िले की आईजीआरएस रैंकिंग को प्रभावित कर रही हैं, खेदजनक हैं।” DM मंदार ने आदेश में कहा, “अगर कोई भी अधिकारी का सरकारी कार्य के प्रति 0 प्रतिशत संतुष्टि फीडबैक है तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
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उत्तर प्रदेश में आईजीआरएस एक ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म है जहां नागरिक सरकारी सेवाओं से जुड़ी अपनी समस्याएं दर्ज करा सकते हैं जिससे शिकायत संबंधित अधिकारी तक पहुँचती है। एक अधिकारी ने बताया, “संबंधित अधिकारी इसकी जांच करता है। शिकायतकर्ता शिकायत की स्थिति देख सकता है और बाद में अपनी प्रतिक्रिया दे सकता है।”