उरी में आतंकी हमले के बाद से देश में इसका बदला लेने की भावना दिख रही है। केंद्र सरकार के मंत्री और राजनीतिक दल भी इसी तरह की प्रतिक्रिया दे रहे हैं। हमले के जवाब के रूप में सरकार ने कई फैसले लिए हैं। इसके तहत भारत ने पाकिस्तान को कूटनीतिक तौर पर अलग-थलग करने का फैसला किया है। साथ ही कारोबार पर प्रतिबंध और उसे आतंक के प्रायोजक के रूप में प्रचारित करने के फैसले शामिल हैं। इसी बीच केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह ने परोक्ष रूप से पाकिस्तान में घुसकर हमला करने की बात कही है। पूर्व सेनाध्यक्ष ने फेसबुक पर एक कहानी शेयर करते हुए इशारे से पाकिस्तान में घुसकर उसे सबक सिखाने की बात कही है। वीके सिंह ने चूहों की कहानी में लिखा, ”समय आ गया है कि बड़ा भाई छोटे भाई के घर में घुस कर उसे चपत लगाए।”
वीके सिंह की फेसबुक पोस्ट: एक घर पर बहुत दिनों तक कुछ परदेसी दबंगों का कब्ज़ा था। किसी तरह मकानमालिकों ने काफी संघर्ष के बाद उन्हें घर से बाहर निकाला। मकानमालिकों को उनका घर तो मिला मगर आपसी असहमति के कारण घर का बॅटवारा करना पड़ा। दो भाइयों के बीच घर के दो हिस्से हो गए। अब घर में दो गृहस्थियाँ अपने अपने तरीके से चलने लगीं। जहाँ बड़े भाई की गृहस्थी अपने परिवार की खुशहाली पर केन्द्रित थी, वहीँ छोटा भाई अपने परिवार को अनदेखा कर बड़े भाई की गृहस्थी को ईर्ष्या से देखता रहता था। किस प्रकार बड़े भाई के परिवार को दिक्कत हो, यही सोचता रहता था। इसी ईर्ष्या के चलते, छोटे भाई ने देखा कि बड़े भाई ने अपने परिवार के लिए धन और पदार्थ अर्जित कर लिया है। इस समृद्धि पर हमला करने के लिए उसने अपने घर में चूहे पालने शुरू कर दिए। छोटे भाई ने अपना धन चूहे के बिल बनाने और उन्हें खिलाने पिलाने में लगाना शुरू कर दिया। उसने यह आशा की थी कि चूहे जाकर बड़े भाई की समृद्धि नष्ट कर देंगे।
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छोटे भाई के घर में अनुकूल परिस्तिथियों में चूहे पनपे। हालाँकि अपने घर में चूहे कौन पालता है? घर के सदस्य छोटे भाई के रवैये से परेशान थे। जो धन बच्चों की पढाई लिखाई में लगने चाहिए थे, वह चूहों की परवरिश में लग रहे थे। खैर चूहे जब मोटे तगड़े हो गए तो छोटे भाई ने उन्हें बड़े भाई के घर का रास्ता दिखाया। चूहों ने बड़े भाई के घर में उत्पात मचाना शुरू किया। बड़ा भाई पहले चकित रह गया पर छोटे भाई की ईर्ष्या को समझ कर उसने अपने घर की सुरक्षा बढ़ा दी। जब बड़े भाई के घर में चूहों की दाल नहीं गली, तो वही मोटे तगड़े चूहे छोटे भाई के घर लौट आये और वहाँ उत्पात मचाने लगे। छोटा भाई बौखला गया और सोचा कि शायद ये चूहे दलबदलू हैं क्योंकि ये भूल गए कि मैंने ही तो इन्हें पाला था ! सनकी छोटे भाई ने और नए चूहे पालने शुरू कर दिए। नतीजा यह हुआ कि छोटे भाई का घर चूहों से भर गया, उसके घर वाले विद्रोह करने लगे। कभी कभी बड़े भाई के घर चूहे घुस आते और नुक्सान कर देते। बड़े भाई को दुःख होता और क्रोध भी आता।
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आस पड़ोस में छोटा भाई चूहे पालने वाले के नाम से बदनाम हो गया और लोग उससे कन्नी काटने लगे। छोटा भाई यह कहता, अरे मैं भी तो चूहों से परेशान हूँ! वह यह भी कहता कि मैं चूहों से खुद निपट लूँगा, ये मेरे घर के अन्दर का मामला है। लेकिन यह बहाने अब दुनिया पहचान चुकी थी। बड़े भाई को लगने लगा था कि छोटा भाई और चूहे एक दूसरे से अभिन्न हो चुके हैं। कभी कभी तो लगता था कि छोटे भाई के घर के मुखिया चूहे ही हैं। शायद समय आ चुका था कि बड़ा भाई छोटे भाई के घर में घुस कर उसे चपत लगाए, और चूहों की समस्या से खुद निपटे।
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