नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने 3,600 करोड़ रुपए के अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर सौदे में कारोबारी गौतम खेतान को मंगलवार तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। उन्हें कथित दलाली के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय ने रविवार रात गिरफ्तार किया गया था।
प्रवर्तन निदेशालय के यह कहने पर कि खेतान की हिरासत में और पूछताछ की जरूरत नहीं है, मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट स्निग्धा सरवरिया ने खेतान को दो दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। खेतान को पांच दिन के लिए प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत में भेजा गया था जिसके खत्म होने के बाद उसे रविवार को अदालत में पेश किया गया था।
निदेशालय ने इससे पहले अदालत में कहा था कि पूरे सौदे में 360 करोड़ रुपए की दलाली दी गई। खेतान ने अपने वकील प्रमोद कुमार दुबे के माध्यम से जमानत याचिका दायर की थी जिसे लेकर मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट ने निदेशालय को अपना जवाब देने के लिए नोटिस जारी किया था।
खेतान को मंगलवार को अदालत में पेशी पर लाए जाने के दौरान ही उसकी जमानत याचिका पर भी सुनवाई होगी। उसने जमानत याचिका में कहा है कि उसे जमानत पर रिहा कर देना चाहिए क्योंकि उसने जांच के दौरान हमेशा सहयोग किया और ऐसी कोई आशंका नहीं है कि वह न्याय से भागेगा।
निदेशालय ने कहा कि खेतान चंडीगढ़ की कंपनी एयरोमैट्रिक्स से जुड़ा था जो हेलीकॉप्टर सौदे में वित्तीय सौदे के लिए कथित तौर पर मुख्य कंपनी थी। लेकिन खेतान के वकील ने अदालत से कहा कि उसके मुवक्किल का कंपनी के नियमित कामकाज से कुछ लेना-देना नहीं है और उसने अक्तूबर 2010 में पद से इस्तीफा दे दिया था।
खेतान को निदेशालय ने धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धाराओं के तहत गिरफ्तार किया था। ईडी ने वीवीआइपी हेलिकॉप्टर सौदे में कथित दलाली को लेकर इस साल जुलाई में खेतान, पूर्व वायुसेना प्रमुख एसपी त्यागी और 19 अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था। इटली की कंपनी अगस्ता वेस्टलैंड से 12 वीवीआइपी हेलिकॉप्टरों की खरीद तब जांच के घेरे में आई, जब इटली के अधिकारियों ने कहा कि कंपनी ने सौदे के लिए दलालों के माध्यम से कथित रूप से भारतीय अधिकारियों को रिश्वत दी।