देश के तो कारोबारी घरानों के नाम को अकसर राजनीति और सरकारों के साथ जोड़ा रहा है। गौतम अडानी का अडानी ग्रुप और अंबानी घराना। खास तौर पर मोदी सरकार को इस मामले में विपक्ष अकसर निशाने पर लेता रहता है। गौतम अडानी पर भी आरोप लगते रहे हैं कि उन्हें गुजरात में बेहद कम कीमतों में ज़मीन उपलब्ध करवाई गयी है।
हेडलाइन टुडे टीवी चैनल को दिये एक इंटरव्यू में जब उनसे बीजेपी और मोदी के साथ संबंधों पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि कोई भी सरकार आती है तो जिस क्षेत्र को वे बढ़ावा देने चाहते हैं, उसे अपने मैनिफेस्टो में शामिल करते हैं। उन्होंने कहा, मुझे किसी पॉलिटिकल पार्टी के साथ जोड़ने से दुख इस बात का है कि हम तो राजनीति से दूर रहना चाहते हैं। कोई भी सरकार जब आती है तो हम उनके साथ केवल काम करना चाहते हैं। वह चाहे किसी भी पार्टी की सरकार हो और चाहे जिस राज्य की सरकार हो।
अडानी ने यह भी कहा कि किसी भी राज्य में बना सरकार के साथ मिलकर काम किया जाता है तो इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट पूरा नहीं हो पाता है। जो भी राज्य आगे बढ़ने को तैयार होता है, हम उसके साथ जाते हैं। सरकार राज्य में किसी भी सरकार की हो सकती है।
पत्रकार ने बीच में पूछा, क्या मोदी साहब ने आपको व्यक्तिगत रूप से कोई लाभ दिया है? इसपर अडानी ने कहा, मुझे नहीं लगता कि मोदी ने किसी की भी फाइल पर किसी का पक्ष लिया है। वह हमेशा सारी बातें देखकर ही मंजूरी देते हैं। मोदी जी केवल एक माहौल देते हैं कारोबारियों को।
इसी इंटरव्यू में अडानी से पूछा गया कि क्या आप मोदी को पीएम बनते देखना चाहते हैं? अडानी ने इसपर जवाब दिया, प्रधानमंत्री तो देश की जनता तय करती है। अपेक्षाओं के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा, मजबूत सरकार आये और कारोबार के लिए अच्छा माहौल दे। यह सब क्षमता मोदी में है। यह इंटरव्यू 2014 के आम चुनाव के पहले का है।