US Charges Against Gautam Adani and Others Explained: दुनिया के 18वें और देश के दूसरे सबसे अमीर शख्स गौतम अडानी के खिलाफ न्यूयॉर्क की फेडरल कोर्ट में इनडाइक्टमेंट दर्ज हुआ। यानी कि उनके खिलाफ अभियोग दर्ज हुआ है। उन पर आरोप है कि उन्होंने भारत में सैर ऊर्जा का कॉन्ट्रैक्ट पाने के लिए सरकारी अधिकारियों को 26.5 करोड़ डॉलर रिश्वत दी। मामले में अडानी के साथ-साथ उनके भतीजे सागर अडानी समेत 8 लोगों को भी आरोपी बनाया गया है। अब इस मामले पर सियासी हंगामा भी मचा हुआ है। अडानी ग्रुप ने आरोपों को निराधार बताया है। अमेरिका के कोर्ट में दर्ज इस अभियोग के बारे में हम कुछ प्वांइट्स पर विस्तार से बात करेंगे।
गौतम अडाणी के साथ किस-किस पर आरोप
इस पूरे मामले में अहम किरदार अडानी ग्रुप के चेयरमैन और संस्थापक गौतम अडानी, अडानी ग्रीन एनर्जी के कार्यकारी निदेशक सागर अडानी, एज्योर पावर के सीईओ रहे रंजीत गुप्ता, एज्योर पावर में सलाहकार रूपेश अग्रवाल अमेरिकी इश्युअर हैं। वहीं एक आरोपी ऑस्ट्रेलिया और फ्रांस का नागरिक है, लेकिन सिंगापुर में रहता है। इतना ही नहीं इन सभी के अलावा आंध्र प्रदेश के एक बड़ी सरकारी अधिकारी समेत दो अन्य लोगों के इस साजिश में शामिल होने की बात कही गई है।
कहां से शुरू हुआ मामला
अमेरिका के Securities and Exchange Commission (SEC) ने देश में 12 गीगावॉट की एनर्जी की आपूर्ति के लिए एक टेंडर निकाला था। एसईसी ने कहा कि गौतम अडानी और सागर अडानी ने 750 मिलियन डॉलर का बॉन्ड बेचने के दौरान इंवेस्टर्स से यह दावा किया था कि उनकी कंपनी का भ्रष्टाचार से कोई भी वास्ता नहीं है। ना ही अडानी ग्रीन के अधिकारी कभी भी रिश्वतखोरी के मामले में शामिल रहे। हालांकि, एसईसी ने कहा कि गौतम अडानी और उनके भतीजे ने भारत में एक बड़ी सोलर एनर्जी का ठेका पाने के लिए भारतीय अधिकारियों को रिश्वत दी।
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अभियोग पत्र के मुताबिक, इन सभी आरोपियों ने भारत के सरकारी अधिकारियों को मोटी रकम की रिश्वत देने की पेशकश की थी। कुल राशि करीब 250 मिलियन डॉलर थी। आंध्र प्रदेश की बिजली वितरण कंपनी के अधिकारी को अकेले 1750 करोड़ रुपये देने की पेशकश की थी। जब अधिकारियों को रिश्वत देने का वादा कर दिया तो 2021 से 2022 के बीच कुछ राज्यों की बिजली वितरण कंपनियां बिजली खरीदने को मान गईं। इसके अलावा खुद भी गौतम अडानी कई बार बिजली वितरण कंपनियों के अधिकारियों से मिले। जब भी रिश्वत का जिक्र होता था तो यह सभी कोडनेम में बातें किया करते थे। जैसे कि गौतम अडानी का कोडनेम द बिग मैन था।
किस तरह से तय थी रिश्वत
अब रिश्वत पर गौर करें तो इसके लिए कुछ छोटे-छोटे नोट्स बनाए गए थे। इसमें रिश्वत की रकम और बेची जाने वाली सोलर एनर्जी की मात्रा के साथ ही किस राज्य के अधिकारियों को रिश्वत की पेशकश की गई। इस तरह की जानकारी रखी गई। इन सभी के अलावा अमेरिकी रिपोर्ट से यह डिटेल सामने आती है कि गौतम अडानी ने सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने के लिए निजी तौर पर काम भी किया। साथ ही रिश्वत देने के लिए पीपीटी और एक्सेल सीट भी बनाई गई थी।
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पीपीटी और कुछ दस्तावेजों को किया नष्ट
इस अभियोग पत्र के अनुसार, 2022 से लेकर कुछ आरोपियों ने कई सारे अहम सबूत, दस्तावेज, पीपीटी और इलेक्ट्रानिक कम्युनिकेशन को तबाह कर दिया। जैसे कि एक आरोपी ने कुछ इलेक्ट्रानिक मैसेज को डिलीट कर दिया और ईमेल समेत कई चीजों को नष्ट कर दिया। इसमें घूस लेने से संबंधित जानकारी छिपी हुई थी।
अडानी के भतीजे से एफबीआई ने की पूछताछ
पूछताछ का सिलसिला 17 मार्च 2023 से शुरू होता है। गौतम अडानी के भतीजे सागर अडानी से एफबीआई के अधिकारियों ने पूछताछ की थी। इतना ही नहीं उसके कब्जे से जितने भी इलेक्ट्रानिक डिवाइस से सभी को जब्त कर लिया। साथ ही एफबीआई के अधिकारियों ने उसे एक सर्च वारंट थमा दिया और पूछताछ के लिए पेश होने का आदेश भी दिया। हालांकि, अडानी ग्रुप ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को बेबुनियाद और निराधार बताकर खारिज किया है और अपने शेयर धारकों को भरोसा दिलाया कि हम कानून विकल्पों का सहारा लेंगे।