Gandhi Jayanti 2019 Updates: अहिंसा को सबसे बड़ा हथियार बनाकर दुनिया को अपने विचारों का लोहा मनवाने वाले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की आज (2 अक्टूबर) 150वीं जयंती है। महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर बुधवार को सम्बलपुर जिले में भटरा स्थित गांधी मंदिर में आंगुतकों का जमावड़ा लगा रहा। उन्होंने राष्ट्रपिता की कांस्य प्रतिमा पर पुष्प चढ़ाए और उनके सामने भजन गाए। कई सामाजिक संगठनों ने प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। पूर्व विधायक अभिमन्यु कुमार ने 1974 में इस मंदिर की स्थापना की थी। भटरा निवासी रोज सुबह-शाम यहां आते हैं और पुजारी के साथ गीता का पाठ होता है और ‘राम धुन’ गाई जाती है।
1921 में अपने अखबार ‘यंग इंडिया’ में गांधी ने लिखा था, ‘हिंदू धर्म के नाम पर ऐसे बहुत-से काम किए जाते हैं जो मुझे मंजूर नहीं। अगर मैं वैसा नहीं हूं तो मुझे खुद को सनातनी हिंदू कहलवाने की कोई ख्वाहिश नहीं।’ छुआछूत के खिलाफ महात्मा गांधी की लड़ाई में असम के जोरहाट का खास स्थान है। 1934 में यहां उन्होंने एक ब्राह्मण परिवार के नामघर के दरवाजे दलितों के लिए खोले थे। यह उनकी इस लड़ाई में एक लैंडमार्क माना जाता है।
लोग उन्हें प्यार से बापू भी कहते हैं। यह उपाधि उन्हें नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने दी थी। बापू के जन्मदिवस को अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में मनाया जाता है। महात्मा गांधी ने कहा था कि विनम्र तरीके से व्यवहार करके आप दुनिया को हिला सकते हैं। बापू का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। उनका पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था। बापू ने अहिंसा का रास्ता अपनाते हुए देश की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी और अंग्रेजों को निकाल भगाया। महात्मा गांधी ने कभी अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं किया।
महात्मा गांधी ने अपने जीवन में स्वराज, यंग इंडिया, हरिजन समेत कई महत्वपूर्ण अखबारों का प्रकाशन-संपादन किया।
छुआछूत के खिलाफ महात्मा गांधी की लड़ाई में असम के जोरहाट का खास स्थान है। 1934 में यहां उन्होंने एक ब्राह्मण परिवार के नामघर के दरवाजे दलितों के लिए खोले थे। यह उनकी इस लड़ाई में एक लैंडमार्क माना जाता है।
1921 में अपने अखबार 'यंग इंडिया' में गांधी ने लिखा था, 'हिंदू धर्म के नाम पर ऐसे बहुत-से काम किए जाते हैं जो मुझे मंजूर नहीं। अगर मैं वैसा नहीं हूं तो मुझे खुद को सनातनी हिंदू कहलवाने की कोई ख्वाहिश नहीं।'
महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के मौके पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी तथा पार्टी के कई अन्य वरिष्ठ नेताओं ने राष्ट्रपिता को श्रद्धांजलि दी। इसके साथ ही कांग्रेस दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यालय से राजघाट तक पदयात्रा भी निकालेगी, जिसमें राहुल गांधी शामिल होंगे। मनमोहन और सोनिया ने राजघाट पहुंचकर बापू की समाधि पर श्रद्धांजलि अर्पित की।
आपकी मान्यताएं आपके विचार बन जाते हैं, आपके विचार आपके शब्द बन जाते हैं, आपके शब्द आपके कार्य बन जाते हैं, आपके कार्य आपकी आदत बन जाते हैं, आपकी आदतें आपके मूल्य बन जाते हैं, आपके मूल्य आपकी नीयति बन जाती हैं।
उप राष्ट्रपति ने ट्वीट किया, ‘‘ हम महात्मा गांधी को उनकी 150वीं जयंती पर श्रद्धांजलि देते हैं। आइए, हम दैनिक जीवन में गांधीवादी सिद्धांतों को लागू कर और अपनाकर हमारे जीवन में बदलाव लाने का प्रयास करें।’’
जिस दौर में देश आजादी की लड़ाई लड़ रहा था। उस वक्त कई इलाकों में डाकू भी सक्रिय थे। मध्य प्रदेश के सिंगरौली पहाड़ी इलाके में डाकुओं ने एक सुनार को पकड़ लिया। सुनार पहले तो घबराया, लेकिन इसके बाद उसने वंदेमातरम का नारा लगाया। साथ ही, खादी का कपड़ा दिखाया। सुनार ने डाकुओं से कहा कि वह गांधीजी का अनुयायी है, जिसके बाद डाकु उसे छोड़कर चले गए। सुनार ने यह बात गांधीजी के एक साथी को बताई थी, जिसके बाद यह किस्सा आम हो गया।
बिहार के चंपारण जिले में सन 1917-18 महात्मा गांधी के नेतृत्व में भारत में किया गया यह पहला सत्याग्रह था। इसे चम्पारण सत्याग्रह के नाम से जाना जाता है। उस समय अंग्रेजों और और उनके पिट्ठू जमींदारों द्वारा हजारों भूमिहीन मजदूर एवं गरीब किसानों को खाद्यान के बजाय नील एवं अन्य नकदी फसलों की खेती करने के लिए मजबूर किया जा रहा था। अंग्रेजों के अत्याचार के खिलाफ गांधी ने उस समय चंपारण पहुंचकर इस आंदोलन का शंखनाद किया। उन्होंने उस समय जमींदारों के खिलाफ़ विरोध प्रदर्शन और हड़तालों को नेतृत्व किया। तब उनके समर्थन में हजारों की संख्या में किसान एकत्रित हो गए थे। पुलिस सुपरिंटेंडेंट ने गांधीजी को जिला छोड़ने का आदेश दिया, लेकिन उन्होंने आदेश को मानने से इंकार कर दिया था।
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर राजस्थान में दो से नौ अक्टूबर तक विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बुधवार को गांधी शपथ, प्रार्थना सभाओं सहित अन्य कार्यक्रमों में भाग लेंगे। इस अवसर पर गहलोत जवाहर कला केन्द्र में गांधी प्रदर्शनी एवं खादी मेले का उद्घाटन करेंगे। सांस्कृतिक कार्यक्रमों के तहत सेन्ट्रल पार्क में गांधी उत्सव के साथ साथ भजन संध्या का आयोजन होगा। सरोद वादन कार्यक्रम में सुनन्दा शर्मा एवं उस्ताद अमजद अली खान प्रस्तुति देंगे। खादी प्रदर्शनी में राज्यभर के 500 से अधिक कारीगर अपने उत्पादों का प्रदर्शन करेंगे।
भारत की विभिन्न जेलों में सजा काट रहे सैकड़ों कैदियों को महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर रिहा किया जाएगा, लेकिन जल्दी रिहा किए जाने के योग्य महाराष्ट्र के 70 कैदियों को बाहर आने के लिए थोड़ा इंतजार करना पड़ सकता है। दरअसल राज्य में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए आचार संहिता लगी हुई है और इसके तहत सरकार कोई बड़ा फैसला नहीं ले सकती है।
गांधीजी ने नमक आंदोलन से सिखाया कि अगर शासन अन्यायी है तो उसका विरोध करो। लेकिन यह विरोध अहिंसात्मक हो। अगर आप सत्य के साथ हैं तो जीत आपकी जरूर होगी।
फलस्तीन ने मंगलवार को महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के मौके पर ‘गांधी की विरासत और मूल्यों’ के सम्मान में डाक टिकट जारी किया। फलस्तीन अथॉरिटी (पीए) के दूरसंचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री इसहाक सेदेर ने यहां मंत्रालय में आयोजित एक समारोह में पीए में भारत के प्रतिनिधि सुनील कुमार की मौजूदगी में यह डाक टिकट जारी किया।
गांधीजी हमेशा कहते थे, ‘‘हर अच्छा इंसान हर सजीव का मित्र होता है।’’
यह सच है कि इस बात पर आने वाली पीढ़ी को कम ही विश्वास होगा कि सदियों से शांति और सत्य का पैरोकार यह विश्व का प्राचीनतम देश अहिंसा के रास्ते पर चलकर आजादी की मंजिल तक पहुंचा है। इसीलिए, महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन ने महात्मा गांधी के बारे में तभी कह दिया था कि आने वाली नस्लों को मुश्किल से ही इस बात पर विश्वास होगा कि हांड़-मांस से बना ऐसा कोई इंसान भी धरती पर आया था।
महात्मा गांधी का जिंदगी तमाम मानवीय आदर्शों की प्रयोगशाला रही है। उन्होंने मानव जीवन के लिए सही माने जाने वाले तमाम आदर्शों का प्रयोग अपने जीवन में किया था। गांधीजी के तीन बंदरों के बारे में हम सभी ने सुना है। बुरा मत कहो, बुरा मत सुनो और बुरा मत देखो के प्रतीक स्वरूप ये तीनों बंदर हमें जीवन जीने के सही तरीके के बारे में बताते हैं। इस संदेश को अगर हम अपने जीवन में उतार लें तो हमारी कितनी समस्याएं अपने आप सुलझ जाएं।
महात्मा गांधी कहते थे, ‘‘मौन सबसे सशक्त भाषण है। धीरे-धीरे दुनिया आपको सुनेगी।’’
महात्मा गांधी कहते थे, ‘‘भविष्य इस बात पर निर्भर करता है कि आज आप क्या कर रहे हैं?’’
गांधी जी कहते थे, ‘‘विश्वास को हमेशा तर्क से तौलना चाहिए। जब विश्वास अंधा हो जाता है तो खत्म हो जाता है।’’
भारत आने के बाद गांधी जी ने चंपारण सत्याग्रह चलाया, जिसके जरिए उन्होंने 1917 में बिहार के चम्पारण जिले में किसानों को अंग्रेजों द्वारा जबरदस्ती नील की खेती कराये जाने से मुक्ति दिलाई। इसके बाद इसी साल उन्होंने गुजरात प्रदेश के खेड़ा जिले में बाढ़ और अकाल की स्थिति होने के बावजूद लगान वसूले जाने का अहिंसक विरोध कर अंग्रेजों को समझौता करने पर मजबूर किया।
गांधी जी पर जितना लिखा जाए उतना कम है। उनकी 150वीं सालगिरह मनाने के लिए स्कूलों में बच्चे तक तैयारियों में जुटे हैं। वह अपने-अपने स्तर पर गांधी पर स्पीच देने की तैयार कर रहे हैं। बच्चे राष्ट्रपिता को उनके द्वारा सिखाए गए उपदेशों पर स्पीच तैयार कर उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि देते हैं। अगर आप अपने स्कूल में गांधी जयंती पर स्पीच करने की तैयारी में लगे हुए हैं तो ये खबर आपके काम की है। गांधी जी पर अपना भाषण तैयार करने में ये स्टोरी आपको मदद कर सकती है। आप गांधी जी के आंदोलनों को लेकर भी स्पीच तैयार कर सकते हैं।
‘दे दी हमें आजादी बिना खडग बिना ढाल…साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल’। देशभर में पिछले कई दिनों से गांधी जयंती की तैयारियां चल रही हैं। गांधी जी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। उनकी मां का नाम पुतलीबाई और पिता करमचंद गांधी थे। मोहनदास करमचंद गांधी अपने परिवार में सबसे छोटे थे लेकिन उन्होंने बहुत बड़ी-बड़ी उपलब्धियां हासिल कीं। इसीलिए उन्हें राष्ट्रपिता भी कहा जाता है।
अगर आप अपने स्कूल में महात्मा गांधी जयंती पर स्पीच करने की तैयारी में लगे हुए हैं तो ये खबर आपके काम की है। गांधी जी पर अपना भाषण तैयार करने में ये स्टोरी आपको मदद कर सकती है। आप गांधी जी के आंदोलनों को लेकर भी स्पीच तैयार कर सकते हैं।
बापू कहते थे कि थोड़ा सा अभ्यास बहुत सारे उपदेशों से बेहतर है।
भाषण या निबंध के लिए सामग्री - मॉब लिंचिंग, विचारधाराओं से असहमति रखने वालों की हत्या, जाति के नाम पर हत्या, सत्ता पाने के लिए दंगों जैसे अनैतिक कृत्यों का सहारा लेने या उन्हें समर्थन देने जैसी हिंसक दुर्घटनाओं के बीच हम सारी दुनिया को सत्य और अहिंसा का पाठ पढ़ाने वाले महात्मा गांधी की 150 जयंती मनाने जा रहे हैं।
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती को भारत में राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाया जाता है। इस दिन देश भर में तमाम कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। निबंध और भाषण प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं।
रक्तहीन क्रांति से देश को आजादी दिलाने की वजह से उन्हें सारे भारतवर्ष में बड़े ही आदर और सम्मान के साथ याद किया जाता है। सिर्फ भारत में ही नहीं, दुनिया भर में महात्मा गांधी को उनकी जयंती के दिन बड़ी ही श्रद्धा के साथ याद किया जाता है। उनके जन्मदिवस को सारे विश्व में विश्व अहिंसा दिवस के रूप में मनाया जाता है।
महात्मा गांधी ने अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ भारत में सत्याग्रह और अहिंसा का तरीका अपनाया था। उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ सत्याग्रह किया। असहयोग और सविनय अवज्ञा आंदोलन का संचालन किया। इसी बल पर उन्होंने भारत को 200 साल की गुलामी से आजादी दिलाई।
महात्मा गांधी सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद की मुखालफत करने वाले नेता बनकर उभरे। बाद में भारत के स्वतंत्रता संघर्ष को अहिंसात्मक तरीके से नेतृत्व प्रदान किया।
आजादी में उनके अतुलनीय योगदान की वजह से उन्हें भारत के राष्ट्रपिता से भी संबोधित किया जाता है। नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने सबसे पहले उन्हें राष्ट्रपिता कह कर संबोधित किया था।
सत्य और अहिंसा के सिद्धांतों पर चलकर देश को आजादी दिलाने वाले मोहनदास करमचंद गांधी यानी कि महात्मा गांधी का आज जन्मदिन है। गुजरात के पोरबंदर में 2 अक्टूबर 1869 को पिता करमचंद गांधी और माता पुतलीबाई के घर उनका जन्म हुआ था।
शक्ति शारीरिक क्षमता से नहीं आती है। यह एक अदम्य इच्छाशक्ति से आती है। (Strength does not come from physical capacity. It comes from an indomitable will)
बापू का मानना था कि आंख के बदले आंख पूरे विश्व को अंधा बना देगी। (An eye for an eye only ends up making the whole world blind)
बापू की 150वीं जयंती मनाने के लिए राजस्थान ने खास तैयारी की है। बताया जा रहा है कि पूरे राज्य में 2 से 9 अक्टूबर तक गांधी सप्ताह का आयोजन किया जाएगा। वहीं, उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि सीएम अशोक गहलोत होंगे।
बापू ने कहा था, ‘‘मैं अपने मन को किसी दूसरे के गंदे पैरों (विचारों) तले रौंदने नहीं दूंगा।’’ (I will not let anyone walk through my mind with their dirty feet.)
बापू ने कहा था, ‘‘एक विनम्र तरीके से आप दुनिया को हिला सकते हैं।’’ ( In a gentle way, you can shake the world.)
महात्मा गांधी कहते थे कि व्यक्ति अपने विचारों से निर्मित प्राणी है। वह जो सोचता है, वही बन जाता है। (A man is but the product of his thoughts; what he thinks, he becomes)
जब मैं सूर्यास्त और चंद्रमा के सौंदर्य की प्रशंसा करता हूं, मेरी आत्मा संसार बनाने वाले की पूजा करने लगती है। (When I admire the wonders of a sunset or the beauty of the moon, my soul expands in the worship of the creator)
पहले वो आप पर ध्यान नहीं देंगे, फिर वो आप पर हंसेंगे, फिर वो आपसे लड़ेंगे और तब आप जीत जाएंगे। (First they ignore you, then they laugh at you, then they fight you, then you win)
खुद को खोजने का सबसे अच्छा तरीका है, खुद को दूसरों की सेवा में खो दो। (The best way to find yourself is to lose yourself in the service of others)
आपको मानवता में विश्वास नहीं खोना चाहिए। मानवता सागर के समान है। यदि सागर की कुछ बूंदें गंदी हैं तो पूरा सागर गंदा नहीं हो जाता। (You must not lose faith in humanity. Humanity is an ocean; if a few drops of the ocean are dirty, the ocean does not become dirty)