ISRO Gaganyaan Mission Test Updates: गगनयान मिशन को 2025 में लॉन्च किया जाएगा। वहीं इससे पहले 21 अक्टूबर को टेस्ट फ्लाइट (TV-D1) को लॉन्च किया गया। हालांकि इसके लॉन्चिंग को फिर से शेड्यूल करके लॉन्च किया गया। इसरो की ओर से इसे लॉन्च किया गया। यह पहला मानवयुक्त मिशन होगा। जब पहली बार काउंटडाउन चल रहा था, उसी दौरान ये होल्ड पर चला गया। 5 सेकंड बचे थे जब काउंटडाउन रुका। इसके बाद इसके लॉन्च को री शेड्यूल किया गया। इसरो चीफ ने पहले ही बताया था कि मिशन गगनयान के फाइनल लॉन्च से पहले हर महीने कम से कम एक उड़ान लॉन्च होती रहेगी। उन्होंने कहा कि हर महीने हम कम से कम एक प्रक्षेपण करेंगे।
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इसरो चीफ एस सोमनाथ ने कहा कि मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि टीवी-डीवी 1 (क्रू मॉड्यूल) मिशन का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया गया है। उन्होंने इस सफलता पर इसरो की पूरी टीम को बधाई दी है।
गगनयान मिशन के क्रू मॉड्यूल की सफल लॉन्चिंग पूरी हो गई है। पहले इसे साढ़े 8 बजे लॉन्च होना था, लेकिन 5 सेकंड पहले ये होल्ड पर चला गया। फिर 10 बजे इसकी लॉन्चिंग हुई।
इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने कहा, “लिफ्ट-ऑफ का प्रयास आज नहीं हो सका। इंजन इग्निशन इनिशियल कोर्स में नहीं आ पाया। हमें यह पता लगाने की जरूरत है कि क्या गलत हुआ। वाहन सुरक्षित है। हमें यह देखने की जरूरत है कि क्या हुआ? जो कंप्यूटर काम कर रहा है उसने लॉन्च रोक दिया है। हम इसे ठीक करेंगे और जल्द ही लॉन्च री-शेड्यूल करेंगे।”
इसरो प्रमुख ने बताया कि लॉन्चिंग की नई तारीख का जल्द ऐलान करेंगे। तकनीकी खामियों की वजह से लॉन्चिंग रोकी गई है। इसरो प्रमुख ने यह भी बताया कि लॉन्च व्हीकल पूरी तरह से सुरक्षित है।
गगनयान मिशन की पहली टेस्ट फ्लाइट लॉन्च होल्ड पर कर दी गई है। लॉन्चिंग से पांच सेकंड पहले लॉन्चिंग को होल्ड किया गया। जब काउंटडाउन चल रहा था, उसी दौरान ये होल्ड पर चला गया।
15 अगस्त 2018 को ही पीएम नरेंद्र मोदी ने गगनयान मिशन का ऐलान किया था। इसके 2025 तक पूरा होने की उम्मीद है। कोविड के कारण इसमें देरी हुई है। पहले इसे 2022 तक ही पूरा करने का लक्ष्य था।
आंध्र प्रदेश स्थित श्रीहरिकोटा से लगभग 10 किमी. दूर बंगाल की खाड़ी में क्रू मॉड्यूल को समुद्र में लैंड कराया जाएगा। भारतीय नौसेना के गोताखोर क्रू मॉड्यूल को सुरक्षित समुद्र से बाहर निकालेंगे।
एक छात्र ने कहा, "हम यहां इसरो के गगनयान टेस्ट को देखने के लिए आए हैं। यह भारतीय अंतरिक्ष यात्री को अंतरिक्ष में भेजने के लिए इसरो का एक परीक्षण मिशन है। यह कक्षा में 400 किमी की यात्रा करेगा और एक मानवरहित मिशन है। अगर यह सफल होता है, तो यह हर भारतीय के लिए गर्व की बात होगी।"
इसरो के मिशन गगनयान को देखने के लिए स्कूली छात्रों को भी गैलरी में बिठाया गया है। यह सभी छात्र गगनयान के टेस्ट लॉन्च को लाइव देखेंगे।
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इसरो के इस टेस्ट में क्रू मॉड्यूल को आउटर स्पेस में लॉन्च करना, पृथ्वी पर वापस लाना और बंगाल की खाड़ी में टचडाउन के बाद इसे रिकवर करना शामिल है। क्रू मॉड्यूल गगनयान मिशन के दौरान अंतरिक्ष यात्रियों को आउटर स्पेस में ले जाएगा।
21 अक्टूबर को गगनयान मिशन की पहली टेस्ट फ्लाइट (TV-D1) को लांच किया जायेगा। इसरो इसे श्रीहरिकोटा से लांच कर रहा है। यह पहला मानवयुक्त मिशन होगा। सुबह साढ़े 8 बजे इसको लांच किया जायेगा।
गगन यान मिशन को 2025 में लांच किया जाएगा। वहीं इससे पहले 21 अक्टूबर को टेस्ट फ्लाइट (TV-D1) को लांच किया जायेगा। इसरो की लांच किया जा रहा है। यह पहला मानवयुक्त मिशन होगा। इसरो चीफ ने बताया कि टेस्ट फ्लाइट के दौरान किसी भी तरह के अड़चनों को दूर करने के लिए इसरो की तरफ से हर संभव कोशिश की गई है।