कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच जम्मू-कश्मीर में सोमवार (22 मई, 2023) से जी20 टूरिज्म वर्किंग ग्रुप (G20 Tourism Working Group) की तीसरी बैठक शुरू हो रही है। जी20 के चीफ को-ऑर्डिनेटर हर्षवर्धन श्रृंगला ने बताया कि पिछली दो बैठकों की तुलना में इस बार विदेशी प्रतिनिधियों की भागीदारी सबसे ज्यादा होगी। उन्होंने कहा, “हमारा अनुभव है कि किसी भी कार्यकारी समूह की बैठक में न केवल जी20 देशों से बल्कि जी20 का हिस्सा रहे अंतरराष्ट्रीय संगठनों से भी इतनी बड़ी संख्या में प्रतिनिधियों का आना एक अविश्वसनीय प्रक्रिया है।”

बैठक में कम से कम 60 विदेशी प्रतिनिधि शामिल होंगे। हालांकि, सभी जी20 सदस्य देश इसमें भाग नहीं लेंगे। बैठक में भाग लेने वाले सदस्य देशों में सिंगापुर का सबसे बड़ा दल है, जिसमें उसके उच्चायुक्त साइमन वोंग भी शामिल हैं। वहीं, बांग्लादेश के उच्चायुक्त मुस्ताफिजुर रहमान और दक्षिण कोरियाई राजदूत चांग जे-बोक भी तीन दिवसीय बैठक में शामिल हो सकते हैं। श्रीनगर में पर्यटन कार्यकारी समूह की बैठक की मेजबानी के महत्व पर प्रकाश डालते हुए श्रृंगला ने कहा कि अगर भारत में पर्यटन पर एक कार्यकारी समूह बनाना है तो वो हमें श्रीनगर में ही करना होगा क्योंकि कोई विकल्प नहीं हैं। उन्होंने कहा कि बैठक में शामिल होने वाले डेलीगेट्स यहां आकर देख सकेंगे कि धरती पर स्वर्ग कैसा होता है।

साल 2019 के केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद जम्मू-कश्मीर में यह इस तरह का पहला अंतरराष्ट्रीय आयोजन है। पहली जी20 पर्यटन कार्य समूह की बैठक गुजरात में और दूसरी पश्चिम बंगाल में हुई थी। श्रृंगला ने कहा कि बैठक का मकसद भारत की समृद्ध और विविध सांस्कृतिक पहचान को दुनिया के सामने पेश करना और भारत की पर्यटन क्षमता को दुनिया के सामने बढ़ावा देना है। उन्होंने कहा, “हमने स्थायी पर्यटन, ईको पर्यटन, साहसिक पर्यटन विषयों को आगे लाने की कोशिश की है जो जम्मू-कश्मीर से जुड़े हैं।”

बैठक का उद्देश्य आर्थिक विकास को मजबूत करना, सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करना और क्षेत्र के विकास को बढ़ावा देना है। जम्मू-कश्मीर के पर्यटन सचिव सैयद आबिद रशीद ने कहा कि इस क्षेत्र में बढ़ते पर्यटन उद्योग को समायोजित करने के लिए जम्मू-कश्मीर में विभिन्न मार्गों पर 300 नए पर्यटन स्थलों को बढ़ावा दिया जा रहा है।