दिल्ली में जी20 समिट की तैयारी पूरी कर ली गई है। देश की राजधानी इस समय दुल्हन की तरह सजा दी गई है, कई तरह के इंतजाम किए गए हैं। इसी कड़ी में कई जगहों पर पानी के फव्वारे भी लगा दिए गए हैं, सौंदर्यीकरण को ध्यान में रखते हुए ये सब किया जा रहा है। लेकिन उन पानी के फव्वारों की आकृति पर बवाल शुरू हो गया है। बीजेपी का आरोप है कि केजरीवाल सरकार ने शिवलिंग जैसी आकृति के फव्वारे लगा दिए हैं। दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी भी बीजेपी पर यही आरोप लगा रही है।
सच्चाई क्या है, अपमान या कुछ और?
दोनों तरफ से लगातार हो रहे आरोप-प्रत्यारोप को देखते हुए दिल्ली के उप राज्यपाल वीके सक्सेना ने सामने से आकर पूरी सच्चाई बता दी है। उनकी तरफ से कहा गया है कि जिसे शिवलिंग बताया जा रहा है, वो राजस्थान के कारीगरों द्वारा बनाए गई शिल्पकृतियां हैं। तर्क दिया गया है कि देश में हमेशा से ही नदियों और पेड़ की पूजा होती है। अगर किसी को फव्वारों में भी शिवलिंग दिख रहा है, तो इस पर कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए, किसी भी तरह के विवाद को जन्म देने की जरूरत नहीं है।
अब वीके सक्सेना द्वारा ये सफाई उस समय पेश की गई है जब दोनों बीजेपी और आम आदमी पार्टी ने एक दूसरे पर ही आरोप लगा दिया है कि भगवान शिव का अपमान किया गया है। केजरीवाल सरकार को लग रहा है कि बीजेपी ने सौंदर्यीकरण के नाम पर ऐसा किया है तो वहीं बीजेपी इसी आरोप को आप पर लगा रही है। लेकिन एलजी ने जो सफाई दी है, उससे साफ है कि पानी का फव्वारा कोई शिवलिंग नहीं है, बल्कि वो तो शिल्पकृतियां हैं।
छावनी में तब्दील दिल्ली
वैसे इस राजनीति के बीच दिल्ली में सुरक्षा काफी सख्त कर दी गई है। दुनिया के तमाम बड़े नेता क्योंकि यहां आने वाले हैं, ऐसे में जमीन पर सुरक्षाबल पूरी तरह सक्रिय हो गए हैं। लेकिन ये समझना जरूरी है कि राजधानी में कोई लॉकडाउन जैसे हालात नहीं बनने वाले हैं। दिल्ली पुलिस ने ऐसी तमाम अटकलों पर विराम लगा दिया है। जारी बयान में कहा गया है कि दिल्ली में जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान लॉकडाउन जैसी कोई स्थिति नहीं रहेगी। हर तरह की दुकानें खुलेंगी, कुछ नियम साझा किए गए हैं,जहां यातायात प्रभावित रहेगा उसकी भी एड्वाइजरी जारी कर दी गई है।