जी20 शिखर सम्मेलन से पहले आतंकवादी संगठनों के मंसूबे पर लगाम लगाने के बाबजूद दिल्ली पुलिस हर उस बिंदुओं से मामले की तहकीकात में लगी हुई है जहां से उसे संदेह की बू आ रही है। अमेरिकी देशों से खालिस्तानी आतंकी और सिख फार जस्टिस (एसजेएफ) के बैनर तले अपनी पहचान बनाने वाले गुरपत वंत सिंह पन्नू ने जिस तरह जी20 से पहले एक वीडियो जारी कर और फिर अपने दो सार्गिदों प्रीतपाल सिंह उर्फ काका और राजविंदर सिंह के हाथों दिल्ली के मेट्रो स्टेशनों पर भारत विरोधी नारे लिखवाए, उसे ध्यान में रखकर दिल्ली पुलिस बहुत मुस्तैद है।

इस प्रकार की गीदड़ भभकी ही सही लेकिन शिखर सम्मेलन के पहले अपने मंसूबे में कामयाब रहे पन्नु जैसे सगंठनो पर पुलिस की नजर है। पन्नू ने तो यहां तक कहा था कि उसके संगठन के लोग दिल्ली हवाई अड्डे पर खालिस्तान के झंडे लहराएंगे। झंडे तो वह नहीं फहरा सका लेकिन दिल्ली में मेट्रो स्टेशनों को इस संगठन ने निशाना बनाने में जरूर कामयाब हुआ।

इसके साथ ही वह पंजाब के मोगा जिले के बाघापुराना कस्बे के एसडीएम दफ्तर और रोडे गांव में दीवारों पर भी खालिस्तान को लेकर नारे लिखवाया। पन्नू ने जी20 के पहले संदेश से पहले ही दिल्ली पुलिस की विशेष प्रकोष्ठ ने उसके मंसूबे पर पानी तो फेर दिया लेकिन इसके तार पंजाब सहित देश के किन किन इलाके में फैला हुआ है उसके खुलासे करना अभी बाकी है।

हालांकि यह पहला मौका नहीं है जब पन्नू ने धमकी दिया है। इससे पहले भी वह धमकी भरा वीडियो जारी किया है। अक्सर आतंकी पन्नू की तरफ से पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों के इशारे पर पंजाब को सुलगाने की कोशिश की जाती रही है, दीवारों पर खालिस्तानी नारे लिखे जाते रहे है। कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा के समय भी यात्रा का विरोध करते हुए खालिस्तान के समर्थन में दीवारों पर नारे लिखे गए थे।

लेकिन जी -20 शिखर सम्मेलन के दौरान सिख फार जस्टिस के साथ पाकिस्तानी हैंडलर, आईएसआई समेत 15 आतंकियों पर स्पेशल सेल विशेष नजर रखकर फरार दहशतगर्दों के मंसूबे को नाकाम करने की योजना पर लगी हुई है। जब तक पूरी शिखर बैठक समाप्त नहीं हो जाती और विदेशी मेहमान अपने-अपने देश वापस नहीं चले जाते, तब तक एक नियंत्रण कक्ष बनाकर और आला अधिकारियों की निगरानी में गर गली चौराहे पर सीसीटीवी से नजर रखकर विशेष चौकसी बरती जा रही है।

दीवारों पर नजर रखने के लिए बनाई गई टीम

बताया जा रहा है कि नई दिल्ली जिले के सभी पुलिस थानों में एक-एक दीवारों पर नजर रखने के लिए (एंटी ग्राफ्टी टीम) टीम बनाई गई है। ये टीमें अपने साथ दीवारों पर लिखे स्लोगन को मिटाने वाले किट लेकर चलती हैं। इस किट में हर तरह का स्प्रे आदि सामान होता है। अगर कोई किसी दीवार पर कुछ लिखा मिलता है तो टीम स्प्रे कर तुरंत उसे मिटा देगी।